Indore Heavy rain news update, 39-year old rain record broken in Indore | 24 घंटे में 12 इंच पानी गिरा, इससे पहले 1981 में अगस्त के एक दिन में 8.3 इंच पानी गिरा था

Indore Heavy rain news update, 39-year old rain record broken in Indore | 24 घंटे में 12 इंच पानी गिरा, इससे पहले 1981 में अगस्त के एक दिन में 8.3 इंच पानी गिरा था


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इंदौर2 घंटे पहले

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यशवंत सागर बांध के क्षमता से अधिक भरने के बाद इसके 10 में से 6 गेट खोल दिए गए।

  • इंदौर में 34 इंच औसत बारिश होती है, अब तक 33 इंच पानी गिर चुका है, इसमें से 35 फीसदी बारिश एक दिन में ही हुई
  • इंदौर के साथ ही उज्जैन, देवास, शाजापुर, भोपाल में भी जोरदार बारिश हुई, अगस्त के पूरे महीने गिरेगा पानी

सबसे साफ शहरों में चौथी बार नंबर-1 आने के एक दिन बाद ही इंदौर पानी से तरबतर हो गया। शुक्रवार शाम चार बजे से जारी बारिश शनिवार को भी रुक-रुक कर हाेती रही। 24 घंटे में ही 12 इंच पानी बरस गया। इंदौर की औसत बारिश 34 इंच मानी जाती है। इस हिसाब से पूरे सीजन की बारिश का 35 फीसदी हिस्सा इस एक दिन में ही बरस गया। इसी के साथ शहर में अगस्त के एक दिन में बारिश का 39 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। इससे पहले 10 अगस्त 1981 को एक दिन में सबसे ज्यादा 8.3 इंच पानी गिरा था।

सिकंदराबाद कॉलोनी में पानी भरने पर लाेगों को नाव से रेस्क्यू किया गया।

सिकंदराबाद कॉलोनी में पानी भरने पर लाेगों को नाव से रेस्क्यू किया गया।

पूरे अगस्त में बारिश के आसार

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के साथ ही अरब सागर से आ रही नमी के कारण प्रदेश में जमकर बारिश हुई है। इंदौर के साथ ही उज्जैन, देवास, शाजापुर, भोपाल में भी बादल खूब बरसे। लगातार बन रहे सिस्टम से पूरे अगस्त तक कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होने के आसार हैं। पिछले साल की बात करें तो जुलाई में ही शहर की औसत बारिश का कोटा पूरा हो गया था। इसके बाद अगस्त में भी झमाझम बारिश हुई थी, जिसके बाद सीजन का कोटा 53 इंच के पार पहुंच गया था।

लगातार हो रही बारिश से बिलावली तालाब भी लबालब भर गया है।

लगातार हो रही बारिश से बिलावली तालाब भी लबालब भर गया है।

यशवंत सागर और बिलावली तालाब लबालब
24 घंटे की बारिश में ही इंदौर की प्यास बुझाने वाले यशवंत सागर बांध लबालब हो गया है। यशवंत सागर बांध की क्षमता 19 फीट की है। क्षमता से अधिक पानी होने से इसके 6 गेट खोल दिए गए। वहीं, बड़ी बिलावली तालाब भी अपनी क्षमता के अनुसार भर गया है। इसके छोटी बिलावली की क्षमता 12 फीट, बड़ा सिरपुर की 16 फीट, छोटा सिरपुर की 13, पिपलियापाला की 22 फीट, लिंबोदी की 16 फीट है। ये सभी करीब-करीब फुल हो चुके हैं। कुछ में तो क्षमता से अधिक पानी आ चुका है।

मंत्री सिलावट ने घुटने भर पानी में चलकर क्षेत्र का दौरा किया।

मंत्री सिलावट ने घुटने भर पानी में चलकर क्षेत्र का दौरा किया।

होमगार्ड का रेस्क्यू, 58 लोगों को घरों से निकाला
होमगार्ड की टीम ने किला मैदान रोड समीप सिकंदराबाद, गरीब नवाज और भिस्ती मोहल्ले में शनिवार को रेस्क्यू किया। जिला सेनानी होमगार्ड राजेश कुमार जैन कंपनी कमांडर शरद राय की टीम ने वहां पहुंचकर पानी में नाव चलाई। होमगार्ड की टीम ने लगातार रेस्क्यू किया। लोगों को पुकार कर खिड़की और दरवाजों के पास बुलाया। फिर उन्हें नाव से सहारे सुरक्षित स्थान पर ले गए। कंपनी कमांडर राय का कहना है कि चार घंटे के भीतर महिला औऱ बच्चों सहित कुल 58 लोगों को वहां से बाहर निकाला गया है। इन कॉलोनियों में पानी खासा भर चुका था। सबसे बड़ी समस्या गंदे पानी की थी, जिसमें नीचे का हिस्सा दिखाई नहीं दे रहा था। लोगों की मदद के लिए प्रशासन, पुलिस और निगम की टीम भी वहां पहुंची। पानी लगातार बढने से कुछ घरों के गिरने की भी आशंका थी। उधर, शिफ्ट किए गए लोगों को दूसरी टीम ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। रहवासी अकरम खान ने बताया कि यदि मदद नहीं मिलती तो कॉलोनी में हालत खराब हो जाते।

पुलिस ने सीढ़ी लगाकर बचाई जान
उधर, सदर बाजार पुलिस ने भी रेस्क्यू के दौरान अच्छी भूमिका निभाई। सिकंदराबाद कॉलोनी के नाले पर पहले मकान में लोग फंस गए। उनका मेन गेट नाले की तरफ था, जहां पानी भरा गया। घर वालों का निकलना मुश्किल था। पीछे खिड़की भी सड़क से 10-12 फीट ऊंची थी। ऐसे में डायल 100 की टीम पहुंची। खिड़की के पीछे पुलिस की गाड़ी खड़ी की गई। उस पर सीढ़ी लगाकर लोगों को निकाला गया। वहीं पंढरीनाथ पुलिस ने सुबह 6 बजे से कबूतर खाना और आसपास की कॉलोनियों से रेस्क्यू कर 40 लोगों को मदरसे में शिफ्ट किया है।

सांसद निगमायुक्त, डीआईजी पूरे समय क्षेत्र में घूमते रहे।

सांसद निगमायुक्त, डीआईजी पूरे समय क्षेत्र में घूमते रहे।

शहर के ये क्षेत्र हुए पानी-पानी
शनिवार को जब लोगों की नींद खुली तो क्या पॉश कॉलोनी और क्या स्लम बस्ती… चारों ओर सिर्फ दिखा तो पानी… अंतर बस इतना था कि कहीं घुटने तक पानी था तो कहीं कमर तक। बीआरटीएस से लेकर राज नगर, रामानंद नगर, मूसाखेड़ी, मोती तबेला, हरसिद्धि, हाथीपाला, खातीपुरा, पोलो ग्राउंंड, जवाहर मार्ग, सुभाग मार्ग, झाड़ू गली, राजेश नगर, खातीपुरा, वैशाली नगर, सिल्वर ओक, चाणक्यपुरी, लिंबोदी, बाबू मुराई काॅलोनी, राज नगर, रामानंद नगर, राज मोहल्ला, मुखर्जी, चंपाबाग, जूनी मुक्तिधाम, विंध्य नगर, एयरपोर्ट रोड, भूतेश्वर महादेव क्षेत्र, कालानी नगर, गौतमपुरा, लक्ष्मीबाई नगर, बांगड़दा रोड, राजेंद्र नगर, अन्नपूर्णा, राऊ, चंद्रभागा, राजमोहल्ला, महात्मा गांधी मार्ग, फूटी कोठी, ब्रज विहर, नर्मदा पुरी, उमेश नगर, देवेंद्र नगर पानी-पानी नजर आया।

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