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- Smugglers Cut More Than 25 Trees Of Sandalwood Amid Heavy Rains, Fear Of Connivance With Forest Department
भोपाल22 मिनट पहले
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चंदन के कटे पेड़ों की डालियों की जब्ती बनाता वन विभाग का अमला।
- शुक्रवार-शनिवार के दरमियानी रात करीब 11.30 बजे शाहपुरा बोरबन से चंदन तस्कर 25 से अधिक पेड़ इलेक्ट्रिक आरी से काटकर ले गए
- बताया जा रहा है कि पेड़ काटने के लिए करीब एक दर्जन से ज्यादा चोर इलेक्ट्रिक आरी लेकर आए थे
शुक्रवार-शनिवार के दरमियानी रात करीब 11.30 बजे शाहपुरा बोरबन से चंदन तस्कर 25 से अधिक पेड़ इलेक्ट्रिक आरी से काटकर ले गए। स्थानीय लोगों ने जब इस बीट के इंचार्ज को फोन लगाया तो वो बंद आया। 24 घंटे बाद मौके पर पहुंचा वन अमला पेड़ों की जब्ती बनाकर ले गया है। बताया जा रहा है कि पेड़ काटने के लिए करीब एक दर्जन से ज्यादा चोर इलेक्ट्रिक आरी लेकर आए थे। आशंका जताई जा रही है कि पेड़ कटवाने में वन विभाग के ही कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है। पेड़ों की कीमl करीब 10 लाख रुपए बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार शाहपुरा बी सेक्टर के पीछे बोरवन में चंदन के सैकंडों पेड़ हैं। बीती रात भारी बारिश के बाद 25 से अधिक पेड़ काटे जाने की बात वन विभाग ने मान ली है। पेड़ों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है। कितने पेड़ कटे हैं, इसकी पक्की जानकारी नहीं मिल पाई है। वन विभाग की टीम शनिवार दोपहर तक कटे पेड़ों की गिनती कर रही है। काटे गए पेड़ों की ऊंचाई करीब 20 से 25 फीट के बीच बताई जा रही है।
ऐसे लगा पता
स्थानीय लोगों के अनुसार बीती रात भारी बारिश हो रही थी। इसी दौरान बी सेक्टर में एक परिवार के सदस्य बालकनी में सामान लेने गए। उन्हें जंगल में एक पेड़ गिरता दिखा। पहले उन्होंने सोचा कि बारिश की वजह से पेड़ गिरा है। लेकिन कुछ देर बाद एक और पेड़ गिरा। इसके बाद उन्होंने टार्च की रोशनी में देखा तो कुछ लोग इलेक्ट्रिक आरी से चंदन के पेड़ का तना काटते नजर आए।
बंद आयो मोबाइल
पेड़ कटता देख उन्होंने पड़ोसियों को फोन लगाया। इसके बाद सभी पड़ोसी बालकनी में आकर चोरों को ललकारने लगे। लोगों के जागने से तस्कर वहां से भाग खड़े हुए। स्थानीय लोगों ने पेड़ काटे जाने की सूचना बीट इंचार्ज को देने की कोशिश की गई लेकिन उसका मोबाइल बंद आया। शनिवार सुबह आला अधिकारियों को चोरी की जानकारी देने के बाद वन विभाग का अमला पहुंचा।
हर साल कट रहे हैं पेड़
जानकारी के अनुसार इस जंगल में चंदन के पेड़ों की कटाई हर साल हो रही है। कभी एक हजार से ज्यादा पेड़ इस जंगल में थे। लेकिन अब इनकी संख्या बेहद कम बची है। जंगल के जिस स्थान से पेड़ काटे गए हैं, वहां वन विभाग के कर्मचारियों के अलावा किसी का आना-जाना नहीं हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से ही तस्कर पेड़ काटकर ले गए हैं।
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