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- 10 CRPF Personnel Donated Plasma In Bhopal; Had Decided To Get Infected, Will Help Other Partner To Save His Life While Recovering
भोपालएक घंटा पहले
भोपाल के सीआरपीएफ बंगरसिया कैंपस में रविवार को प्लाज्मा डोनेशन कैंप लगाया गया, जिसमें कोरोना की जंग जीतकर आए जवानों ने प्लाज्मा डोनेट किया।
- सीआरपीएफ के बंगरसिया कैंपस में अब तक करीब 139 जवान कोरोना संक्रमित हो चुके हैं
- ठीक होने वाले जवानों ने तय किया कि दूसरे जवानों की मदद करेंगे ताकि उन्हें खतरा न हो
जंग सीमा पर दुश्मनों से लड़नी हो या देश के अंदर कोरोना से। सिपाही हर मोर्चे पर डटकर मुकाबला करते हैं। सीआरपीएफ कैंपस बंगरसिया में भी इन दिनों जवान कोरोना से जंग लड़कर जीत हासिल कर रहे हैं। कोरोना को हराने के बाद सीआरपीएफ के कोरोना वॉरियर जवानों ने तय कर लिया कि हमारे बाद दूसरे जवान की जिंदगी जोखिम में न पड़े। इसलिए उन्होंने रविवार को प्लाज्मा डोनेशन कैंप लगाया।
यहां पर कोरोना से जंग जीत चुके 10 जवानों ने प्लाज्मा डोनेट किया है, जिससे जवानों की जान बचाई जा सके, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। उनके प्लाज्मा डोनेशन के बाद जब वह बाहर आए तो उनका तालियां बजाकर स्वागत किया गया। ब्लड डोनेशन के लिए भी बड़ी संख्या में जवान आगे आए। बता दें कि सीआरपीएफ के बंगरसिया कैंपस में अब तक करीब 139 जवान कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 100 से ज्यादा ठीक हो चुके हैं।
बताया जा रहा है कि बंगरसिया में सीआरपीएफ के कुल 139 कोरोना पॉजिटिव मरीज आ चुके हैं। इनमें से 100 मरीजों को बिल्कुल ठीक करके वापस भेजा जा चुका है। अब 39 मरीजों का इलाज जारी है, वे सभी स्वास्थ लाभ ले रहे हैं। दूसरी ओर कोरोना से जीतने वाले जवान प्लाजमा डोनेशन के लिए आगे आ रहे हैं। अब तक 10 जवान प्लाज्मा डोनेट कर चुके है। ठीक होने वाले सभी जवान प्लाज्मा डोनेट को तैयार हैंं।
ग्रुप डीआईजी खुद पहुंचे जवानों और डॉक्टरों को प्रेरित करने
भोपाल केंद्र के डीआईजी अजय कुमार सिंह और डॉ. महेश्वरी भगत इस संयुक्त अस्पताल के उप महानिरीक्षक (चिकित्सा) इसकी बागडोर संभाली हुए हैं और इस दिशा में सतत मार्गदर्शन कर रहे हैं। कोरोना वारियर्स की टीम का अग्रणी नेतृत्व डॉ. अनुराग गिरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कर रहे हैं। उनकी पूरी टीम देश के इन रक्षकों को कोरोना महामारी के ख़तरे से बचाने और उनका सही समय पर पूरा उपचार करने में जुटी है।

सीआरपीएफ के कंपोजिट अस्पताल में ही संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है।
डॉक्टरों ने अथक मेहनत की, 50 बेड का अस्पताल बनाया
सीआरपीएफ के इन जवानों का आवाजाही के चलते कोरोना से संक्रमित होना भी लाजमी था, लेकिन ग्रुप केन्द्र भोपाल में स्थापित कोरांटीन सेंटर तथा यहां के 50 बिस्तर वाले संयुक्त अस्पताल के तत्वावधान में स्थापित कोरोना केयर सेंटर में तैनात अधिकारियों व डॉक्टरों की टीम ने कई-कई घंटे काम करते हुए कोराना की रोकथाम में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस टीम के ऊंचे मनोबल ने यहां आने वाले मरीजों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है और उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाते हुए कोरोना से लड़ना सिखाया है।
बंगरसिया में 900 परिवार और 5 हजार जवान रहते हैं
सीआरपीएफ के बंगरसिया कैंपस में करीब 900 परिवार और 6 कार्यालयों व यूनिटों के लगभग 5000 जवान निवास करते हैं और इस संकटकाल में उनकी आम स्वास्थ्य समस्याओं को भी इस अस्पताल ने बहुत ही संजीदगी से संभाला है तथा पूरे परिसर में कोराेना संक्रमण को फैलने से रोकने के हर संभव प्रयास किए है।