When the flood waters descended, the scene of ruin was seen, there is no ration left from the water nor caught wearing it; | बाढ़ का पानी उतरा तो दिखा बर्बादी का मंजर, पानी से ना राशन बचा, ना पहनने को कपड़े, घरों के बाहर पसरी एक से ड़ेढ फीट गंदगी

When the flood waters descended, the scene of ruin was seen, there is no ration left from the water nor caught wearing it; | बाढ़ का पानी उतरा तो दिखा बर्बादी का मंजर, पानी से ना राशन बचा, ना पहनने को कपड़े, घरों के बाहर पसरी एक से ड़ेढ फीट गंदगी


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इंदौर19 मिनट पहले

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बाढ़ के बाद नाले की गंदगी घरों तक में घुस गई है, लोग खुद ही साफ कर रहे हैं।

  • शुक्रवार शाम 4 बजे बारिश शुरू हुई थी, शनिवार शाम साढ़े 5 बजे तक 12.5 इंच पानी गिरा
  • सिकंदराबाद, गरीब नवाज, भिस्ती मोहल्ले और गौरी नगर में रेस्क्यू अभियान चलाया गया था

आमना बी बच्चों के साथ घर को कपड़े से सुखाने में लगी हैं, तो अंसार परिवार के साथ गीले कपड़ों को बाहर निकाल रहे हैं। सड़कें गंदगी से पसरी हुई हैं। नाले का कीचड़ दहलीज को पार कर भीतर पहुंच चुका है। दहलीज पर भी एक से डेढ़फीट गंदगी फैली हुई है, जिसे लोग फावड़े से समेट कर दूर कर रहे हैं। पूछने पर बताया बारिश के करण नाले की गंदगी भीतर तक पसर चुकी है। बदबू फैल रही है, क्या करें कोई सुध लेने वाला ही नहीं है, इसलिए खुद ही सफाई कर रहे हैं। यह कहानी है एक दिन पहले पानी-पानी हुए सिकंदराबाद कॉलोनी की। ऐसी ही कहानी इंदौर के उन सभी बस्तियों की है, जहां शनिवार को बाढ़ की चपेट में आ गए थे। चाहे फिर वह साउथ तोड़ा हो या गौरी नगर… यहां पर पानी अब छंट चुका है, लेकिन पीछे परेशानी के निशां छोड़ गया है। चारों ओर बस दिख रहा है तो परेशानी का आलम…

आमना बी परिवार के साथ घर को सुखाने में जुटी हई हैं।

आमना बी परिवार के साथ घर को सुखाने में जुटी हई हैं।

रहवासियों ने बताया कि शुक्रवार शाम जब तेज बारिश शुरू हुई तो उम्मीद नहीं थी कि हमें घर छोड़कर कहीं और जाना पड़ेगा। कॉलोनी की गलियां रात में ही तरबतर होने लगी थीं। बारिश लगातार हो रही थी और नाले में पानी बढ़ते हुए घरों के भीतर प्रवेश करने लगा था। हम पानी को घर के भीतर से बाहर करने में लगे हुए थे। कब सुबह के पांच बज गए पता ही नहीं चला, क्योंकि हमारे हाथ में तो सिर्फ बर्तन थे, जिससे हम पानी बाहर फेंक रहे थे। हालांकि वो बर्तन भी अब काम करना बंद कर चुके थे। सुबह पांच बजे तक कई घरों में घुटने तक पानी भर चुका था।

बाढ़ से काॅलोनी की सड़कों में इस प्रकार से गंदगी फैल गई है।

बाढ़ से काॅलोनी की सड़कों में इस प्रकार से गंदगी फैल गई है।

अब पानी इतनी तेजी से बढ़ने लगा था कि सुबह 11 बजे तक कमर तक पानी पहुंच गया। बहाव इतना तेज था कि ऐसा लगा मानों घरों से बाहर गए तो बह जाएंगे। पूरा घर पानी-पानी हो चुका था, हालात बुरे हाेते जा रहे थे, जिनके घर डबल स्टोरी थे, वे सामान को ऊपर चढ़ाकर वहीं पर मदद का इंतजार कर रहे थे। दोपहर 12 से 12:30 के बीच होमगार्ड के जवान रेस्क्यू के लिए मौके पर पहुंचे। शुरुआत में वे रस्सी के सहारे लाेगों की मदद को आगे आए, लेकिन पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि बचाव दल के जवान ही बहने लगे। इसके बाद उन्होंने नाव और ट्यूब की व्यवस्था कर रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाया। आखिरी के घर में छोटे-बच्चे और महिलाएं फंसी हुई थीं, जिन्हें टीम ने खिड़की के जरिए बाहर निकाला।

क्या कुलर, क्या एसी... सबकुछ पानी-पानी हो चुका है।

क्या कुलर, क्या एसी… सबकुछ पानी-पानी हो चुका है।

रहवासी रशीद खान ने बताया कि बारिश के बाद लाइट बंद कर दी गई। सुबह 4 से 5 बजे के बीच पानी घरों में घुसने लगा था। कॉलोनी के पास सड़क किनारे रहने वालों ने आकर हमें बताया कि उठ जाओ पानी तेजी से बढ़ रहा है। हम बाहर आकर देख पाते इससे पहले ही पानी घरों में घुसने लगा था। इसके बाद हमने सामान समेटना शुरू कर दिया। हम सामान समेट ही रहे थे कि पानी तेजी से भीतर घुसने लगा। क्या कपड़े, क्या किराना सब पानी-पानी हो गया। हमारे कॉलोनी में बारिश के पानी की समस्या कई सालों से भी ज्यादा समय से बनी हुई है। इसका मुख्य कारण गरीब नवाज सहित आसपास के क्षेत्र में अतिक्रमण कर छोटी-छोटी नालियों में निर्माण कर लेना है।

साउथ तोड़ा में इस प्रकार से गंदगी पसरी है।

साउथ तोड़ा में इस प्रकार से गंदगी पसरी है।

रहवासी फेमिदा ने कहा कि हम तो सो रहे थे। रात 2 बजे चीख-पुकार मच गई। आवाज सुन उठे, लेकिन कुछ देर कुछ समझ नहीं आया। बिस्तर के नीचे पैर रखा तो पानी था। इसके बाद खुद को बचाने की कोशिश में लग गए। बच्चों को तत्काल ऊपर पहुंचाया, सामान बचाने की कोशिश की, लेकिन सबकुछ भीग चुका था। इसके बाद हम बचाव दल कर इंतजार करने लगे। दोपहर में नाव आते दिखाई दी। पूरा सामान डूब चुका था। नाव आने पर कमर तक पानी में बच्चों को लेकर हम बाहर निकले। पानी को बढ़ता देख लग रहा था कि बच बचना मुश्किल है। पानी उतरने पर सुबह घर लौटे तो दूसरी मुसीबत दरवाजे के सामने थे। वह है गंदगी… चारों ओर गंदगी फैली हुई है। कचरे से बदबू ही बदबू आ रही है। अब तक भी कोई सफाई करने यहां नहीं आया है। पार्षद जरूर आए थे, लेकिन अधिकारी अब तक नहीं आए हैं।

अंसार अहमद ने बताया कि 10 से 12 फीट तक पानी भर गया था। पूरा घर पानी-पानी हो गया था। हम ऊपर के मंजिल में जाकर बैठक गए। नाव आई तो ऊपर से ही निकले। कपड़े- राशन सब कुछ खराब हो चुका था। बचाव दल करीब डेढ़ बजे यहां पहुंचा और क्षेत्र से 10 परिवार को बचाकर ले गया। हमें किला मैदान स्थित स्कूल में रोका गया। वहां पर खाने पीने की व्यवस्था थी। सुबह पानी उतरने पर घर पहुंचे, लेकिन सबकुछ बर्बाद हो चुका था। अब तक कोई अधिकारी नहीं आए हैं। पार्षद से खाना भिजवाया।

अंसार ने बताया कि घर का पूरा सामान खराब हो चुका है।

अंसार ने बताया कि घर का पूरा सामान खराब हो चुका है।

रहवासी इमरान खान ने बताया कि यह समस्या आज की नहीं 31 साल पुरानी है। यहां पर हर कोई वोट लेने तो आता है, लेकिन इस समय का समाधान नहीं करता। सिकंदराबाद काॅलोनी का जो पुल बना है, उसे चार साल हो गए, लेकिन आज तक रोड नहीं बना। मरने पर तीन फीट की रोड से जनाजे ले कर जाए जाते हैं। डिलेवरी के दौरान डायल 100 भी भीतर तक नहीं पहुंच पाती। हम पीड़िताओं को गोद में उठाकर बाहर तक लेकर जाते हैं। कई हादसे यहां पर हो चुके हैं, लेकिन हमें आज तक यह नहीं पता चल पाया की राहत क्या चीज है।

लोग अब घरों की सफाई करने में जुटे हैं।

लोग अब घरों की सफाई करने में जुटे हैं।

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