पिता के इस संघर्ष को देखकर यूपी के आईपीएस अधिकारी नवनीत सिकेरा काफी भावुक हो गए.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले एक गरीब ने अपने बेटे को कक्षा 10वीं की सप्लीमेंट्री परीक्षा दिलाने के लिए 103 किलोमीटर तक साइकिल से सफर किया था.
यूपी कैडर के आईपीएस नवनीत सेकेरा (IPS Navaneet sekera) ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि अच्छा सोचो तो कुछ न कुछ अच्छा हो ही जाता है. अभी हाल में ही मध्य प्रदेश के पिता पुत्र के संघर्ष की कहानी फेसबुक पेज पर शेयर की थी साथ में अपना संस्मरण भी साझा किया था. उसी समय मेरे मन में विचार आया कि इस बच्चे की पढ़ाई की व्यवस्था करनी चाहिए. ऐसे ही कई बार पहले भी और कई मामलों में मदद, यानी समुचित सहायता करने का विचार आया पर कोई एनजीओ या फाउंडेशन न होने के कारण नहीं कर सका.
बंदिशों का हवालाआईपीएस अफसर सेकेरा ने लिखा है कि सरकारी कर्मचारी होने के नाते भी कई नियम कानून और बंदिशे रहती हैं. मैंने ईश्वर से प्रार्थना की थी कि इन पिता पुत्र को मीठा फल मिले. मैं आनंद महिंद्रा का बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने इस बालक नहीं बल्कि मेरे सपने को पूरा किया. इससे ज्यादा मीठा फल और क्या हो सकता है. आपने उन हज़ारों लाखों बच्चों को जो पढ़ना चाहते हैं बढ़ना चाहते हैं एक उम्मीद की किरण दिखाई है. बता दें कि शोभाराम नाम के व्यक्ति ने अपने बेटे की परीक्षा के दिन से एक दिन पहले बीते सोमवार को करीब तीन-चार दिन के खाने-पीने के सामग्री के साथ सफर शुरू किया था और रात में बीच में एक जगह पर कुछ समय के लिए आराम किया था. सही वक्त पर मंगलवार सुबह धार शहर में स्थित भोज कन्या विद्यालय में बने परीक्षा केन्द्र पर अपने बेटे को परीक्षा देने के लिए पहुंचा दिया था.