कैबिनेट मिनिस्टर कमल पटेल के मुताबिक, शिवराज सरकार ने 5 महीने के कम समय में किसान, युवा और श्रमिकों समेत बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़े फैसले लिए हैं. और अब इन फैसलों की जानकारी जनता को दी जाएगी.
इन फैसलों को शिवराज सरकार करेगी प्रचारित
1. 16 लाख किसानो को गेहूं खरीदी का 24 हजार करोड़ रुपए के भुगतान2. गेहूं खरीदी के केंद्र बढ़ाने का फैसला
3. 0% ब्याज दर पर किसानों को ऋण देना
4. गेहूं, चना और सरसों की खरीदी शुरू किया
5. अल्पकालीन फसल ऋण की तारीख में वृद्धि करने का फैसला
6. कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन का फैसला
7. एक ही व्यापारी लाइसेंस की व्यवस्था और ई ट्रेडिंग का प्रावधान
8. मंडी के अधिकृत निजी खरीदी केंद्र बनाने का फैसला
9. फसल बीमा योजना के तहत 22 सौ करोड़ रुपए का प्रीमियम देना
10. किसान सम्मान निधि योजना में ₹2000 की राशि किसानों के खाते में डाला
श्रमिकों के लिए लिए गए फैसलें
1. संबल योजना में श्रमिकों का पंजीयन
2. श्रम सिद्धि अभियान
3. प्रवासी मजदूर आयोग गठित करना
4. स्ट्रीट वेंडर्स के लिए राशि का प्रावधान करने का फैसला
5. गरीबों को एक महीने का मुफ्त राशन देने जैसे फैसलों को गिनाने का काम
5 महीनों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है
वहीं, शिवराज सरकार के 5 महीने की उपलब्धि बताने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि बीते 5 महीनों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है. बिजली के भारी भरकम बिल से लोग परेशान हैं. और ऐसे में उपलब्धि नहीं विफलता गिनाने का काम होना चाहिए. कांग्रेस पार्टी लोगों को बीजेपी सरकार के फैसलों की हकीकत बताने का काम करेगी.
दरअसल, प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है और ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच शह और मात का खेल जारी है. कांग्रेस के तमाम आरोपों के बीच अब प्रदेश की बीजेपी सरकार ने लोगों को कम समय में सरकार के ज्यादा फैसलों की जानकारी देने का प्लान बनाया है, ताकि उपचुनाव से पहले लोगों को फील गुड का एहसास कराया कराया जा सके. और इसी को लेकर अब प्रदेश का सियासी पारा भी गरम हो उठा है.