ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे जनता के सेवक हैं, न कि कुर्सी के. अगर कुर्सी की लालच होती तो जब डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया होता, तभी स्वीकार कर लेते.
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे जनता के सेवक हैं, न कि कुर्सी के. अगर कुर्सी की लालच होती तो जब डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया होता, तभी स्वीकार कर लेते.
- News18Hindi
- Last Updated:
August 24, 2020, 11:19 AM IST
सिंधिया ने यहां भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे जनता के सेवक हैं, न कि कुर्सी के. अगर कुर्सी की लालच होती तो जब डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया होता, तभी स्वीकार कर लेते. सिंधिया ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कमलनाथ सरकार और पार्टी के अन्य नेताओं पर भी हमला किया.
#WATCH I’m a public servant & not servant of the chair. If I had been a servant of the chair, I would have accepted proposal of deputy CM. But I knew what people sitting in govt would do to the state&I didn’t want to be a part of them: Jyotiraditya Scindia, BJP in Gwalior (23.08) pic.twitter.com/Jl7yskPR0Y
— ANI (@ANI) August 24, 2020
डिप्टी सीएम का पद संभालने को कहा गया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने भाषण के दौरान मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 15 महीने के शासनकाल को लेकर भी हमला किया. उन्होंने कहा, ‘हम जनता के सेवक हैं. अगर कुर्सी के सेवक होते, सिंहासन के सेवक होते तो जब मुझे डिप्टी सीएम का पद संभालने को कहा गया था, मैंने तभी इनकार कर दिया था. अगर कुर्सी का लालच होता तो उसी समय स्वीकार कर लेते. लेकिन मैंने इनकार किया.’ डिप्टी सीएम का ऑफर ठुकराने का कारण स्पष्ट करते हुए सिंधिया ने कहा, ‘मैं आज बताना चाहता हूं मैंने उप मुख्यमंत्री बनने से इसलिए इनकार किया, क्योंकि मैं तभी समझ गया था कि ये जो लोग हैं 15 महीने में मध्य प्रदेश का क्या करेंगे?’
आपको बता दें कि ग्वालियर में बीजेपी की सभा के दौरान कांग्रेस लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर लेती रही है. बीते दिनों जब सिंधिया ने तीन रंगों वाला वस्त्र पहनकर दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम में शिरकत की थी, उसको लेकर भी कांग्रेस ने तंज कसा था. इसके बाद मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनावों को लेकर भी कांग्रेस नेताओं के बयान आते रहे हैं.