There is no road in the village, 3 pregnant women were brought to hospital through mud and brought to the hospital | गांव में सड़क नहीं, गर्भवती को झोली में डाल 3 किमी कीचड़ से होकर अस्पताल लाए परिजन

There is no road in the village, 3 pregnant women were brought to hospital through mud and brought to the hospital | गांव में सड़क नहीं, गर्भवती को झोली में डाल 3 किमी कीचड़ से होकर अस्पताल लाए परिजन


बड़वानी13 मिनट पहले

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इस तरह कीचड़ वाले से गर्भवती गायत्री को झोली में डालकर पैदल चाचरिया ले जाते परिजन।

  • चाचरिया पंचायत के नवाड़ फलिया में 3 किमी पैदल चलकर लोगों ने पहुंचाया अस्पताल

जनपद मुख्यालय से 35 किमी दूर चाचरिया पंचायत के नवाड़ फलिया में वर्षों से पक्की सड़क नहीं बनी है। इससे ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कीचड़ होने से वाहन फलिया तक नहीं जा पा रहे हैं। रविवार को एक दिव्यांग गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे झोली में डालकर 3 किमी का सफर पैदल तय कर चाचरिया ले जाना पड़ा। स्थिति गंभीर होने पर महिला को चाचरिया अस्पताल से सेंधवा सिविल अस्पताल रेफर किया गया। जहां पर जच्चा-बच्चा को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। नवाड़ फलिया के 3 किमी के हिस्से में बारिश के मौसम में कीचड़ होने से वाहन नहीं आ पाते। ऐसे में ग्रामीणों को कीचड़ वाले रास्ते से आना-जाना पड़ रहा है।
गर्भपेशी फटने से फंस गया था बच्चा, सामान्य डिलेवरी हुई, दोनों स्वस्थ
सिविल अस्पताल में पदस्थ सिस्टर ईस्टर मेरी ने बताया रविवार शाम को गर्भवती गायत्री पति राहुल को 108 एम्बुलेंस से लाया गया था। स्थिति गंभीर थी। दो दिन पहले गर्भपेशी फट जाने से बच्चा फंस गया था। सामान्य डिलेवरी कर जच्चा-बच्चा को बचाया गया। दोनों स्वस्थ हैं। गायत्री एक पैर से विकलांग है। उसके पैर में रॉड डली है। उसका पहला प्रसव था।

5 फलिए व 5 गांव के हजारों लोग हो रहे परेशान
नवाड़ फलिये बोले जिम्मेदार- बारिश के बाद सड़क बनवाने का करेंगे प्रयास
नवाड़ फलिया में जर्जर सड़क पर कीचड़ होने की समस्या है। ग्रामीण 2 किमी हिस्से में सीसी रोड बनवाने की मांग कर रहे हैं। प्रस्ताव बनाकर भेजा था। राशि नहीं आने से रोड नहीं बना। फिर से प्रस्ताव तैयार कर भेजा है। बारिश के बाद सड़क बनवाने का प्रयास करेंगे।
-दिनेश खरते, सचिव ग्राम पंचायत चाचरिया

देश के 117 आकांक्षी जिलों में शामिल है बड़वानी
दो साल पहले नीति आयोग ने देश के 117 आकांक्षी जिलों में बड़वानी का चयन किया। बताया गया कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत पिछड़े जिलों की स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी आधारभूत जरूरतों पर काम होगा। तब बड़वानी जिले नीचे से टॉप 20 था। दो साल में नीति आयोग की करीब 5 बैठकें हुई लेकिन आकांक्षी जिले को लेकर सेहत और शिक्षा का स्तर खास नहीं सुधरा।

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