EXCLUSIVE: 10 महीने बाद MP पुलिस में फिर शुरू हुआ वीकली ऑफ, कॉस्टेबल समेत इन अधिकारियों को मिलेगा फायदा | bhopal – News in Hindi

EXCLUSIVE: 10 महीने बाद MP पुलिस में फिर शुरू हुआ वीकली ऑफ, कॉस्टेबल समेत इन अधिकारियों को मिलेगा फायदा | bhopal – News in Hindi


कमलनाथ सरकार में शुरू हुआ था वीकली ऑफ.

भोपाल पुलिस (Bhopal Police) ने एक बार फिर वीकली ऑफ (Weekly Off) की शुरुआत कर दी है. इसके साथ भोपाल वीकली ऑफ नियम लागू करने वाला राज्‍य का पहला जिला बन गया है.

भोपाल. दस महीने के बाद फिर मध्‍य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) में वीकली ऑफ(Weekly Off) शुरू कर दिया गया है. इसका फायदा कांस्टेबल (Constable) से लेकर सीएसपी स्तर के अधिकारियों को हो रहा है. मध्य प्रदेश में भोपाल वीकली ऑफ देने वाला पहला जिला बन गया है. पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ गश्त के अगले दिन मिल रहा है. हालांकि इसकी वजह से थाना स्तर पर स्टाफ कम होने की वजह से दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है, लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सप्ताह में एक दिन वीकली ऑफ देने से पुलिस अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं. इससे उनकी कार्य करने की क्षमता भी बनी रहती है. पुलिसकर्मियों का तनाव भी कम होगा और उनमें उत्साह बना रहेगा.

कमलनाथ सरकार में शुरू हुआ था वीकली ऑफ, लेकिन…
कमलनाथ सरकार के ऐलान के बाद कुछ महीनों तक एमपी पुलिस को वीकली ऑफ दिया गया था, लेकिन यह व्यवस्था कुछ ही महीने चली. इसके बाद इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया था. हालांकि भोपाल में पूरे 10 महीने के बाद फिर से वीकली ऑफ को शुरू किया गया है. भोपाल के एडिशनल एसपी संजय साहू ने बताया कि कोरोना के दौरान पुलिस अधिकारी कर्मचारियों ने 16 से 24 घंटे ड्यूटी की है. इस दौरान उन्हें किसी तरीके की छुट्टी नहीं दी गई. उनके अवकाश निरस्त कर दिए गए थे. साथ ही उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की परमिशन भी नहीं दी गई थी. ऐसे में भोपाल में पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ देने का फैसला लिया गया है. इस फैसले के तहत अब मैदानी पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ दिया जा रहा है. इस वीकली ऑफ से पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन अपने परिवार के साथ रहने का समय मिल रहा है.

गश्त के बाद मिलता वीकली ऑफ…थाना स्तर पर तैनात पुलिसकर्मी अधिकारियों की जिस दिन गश्त रहती है, उसके अगले दिन उन्हें वीकली ऑफ दिया जाता है यानी जो पुलिस अधिकारी या फिर कर्मचारी पूरी रात गश्त करता है, उसे अगले दिन पूरे दिन की छुट्टी मिलती है. यह व्यवस्था पूरे भोपाल में लागू कर दी गई है और जरूरत पड़ने पर ही पुलिसकर्मियों को इमरजेंसी में बुलाया जाता है, लेकिन उन्हें बुलाने के बाद उनके वीकली ऑफ को एडजस्ट भी किया जाता है. संजय साहू ने बताया कि वीकली ऑफ के अलावा भी पुलिसकर्मियों को छुट्टी की जरूरत पड़ती है, तो उन्हें छुट्टी दी जा रही है.

वीकली ऑफ का असर थानों पर पड़ा
संजय साहू ने बताया कि वीकली ऑफ का असर थानों की कार्य व्यवस्था पर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि 1 दिन में 15 फीसदी थाना स्टाफ वीकली ऑफ की वजह से छुट्टी पर रहता है. ऐसे में थाने के अंदर 85 फीसदी स्टाफ ही काम करता है. उन्होंने कहा कि थाने की कार्य व्यवस्था प्रभावित हो रही, लेकिन इस कठिनाई के बीच वीकली ऑफ देना भी जरूरी है. इसकी वजह से पुलिस की कार्य क्षमता बनी रहती है और तनाव कम रहता है. जबकि वे अपने परिवार के साथ एक दिन बिता सकते हैं.

भोपाल बना पहला जिला…
मध्‍य प्रदेश में भोपाल वीकली ऑफ देने वाला पहला जिला बन गया है. कमलनाथ सरकार ने एमपी पुलिस को वीकली ऑफ देने का ऐलान किया था. इसके बाद पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ मिला भी, लेकिन कुछ महीने बाद वीकली ऑफ की यह व्यवस्था पूरे मध्य प्रदेश में बंद हो गई. भोपाल अब एमपी का पहला जिला बन गया है, जहां पर 10 महीने के बाद फिर से वीकली ऑफ को शुरू किया गया है.





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