बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वित्त मनोज गोविल, कंपनी के एम.डी. नीतिश व्यास समेत कई और अधिकारी मौजूद थे.
नये बोर्ड में 5 डायरेक्टर्स होंगे
त्रिपक्षीय समझौते के मुताबिक केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की प्रोजेक्ट में बराबर भागीदारी होगी. इस नए बोर्ड में केंद्र सरकार के 5 डायरेक्टर और मध्यप्रदेश सरकार के एमडी सहित 5 डायरेक्टर शामिल होंगे. मध्यप्रदेश सरकार के नगरीय विकास आयुक्त इसके प्रबंध संचालक होंगे. उनके अलावा प्रमुख सचिव वित्त, राजस्व, लोक निर्माण विभाग और नगरीय विकास विभाग इसके डायरेक्टर होंगे.भोपाल, इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट में अब तक क्या क्या हुआ ?
·12 जनवरी 2017 को मध्यप्रदेश सरकार की स्वीकृति के बाद भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का काम मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड ने शुरू कर दिया था.
· भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को 11 सितम्बर 2018 को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) और 03 अक्टूबर 2018 को केन्द्रीय केबिनेट की स्वीकृति मिली
· 19 अगस्त 2019 को भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ.
· 14 सितम्बर 2019 को इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गयी.
· 26 सितम्बर 2019 को भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई.
·14 नवम्बर 2019 को “यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक” ने भोपाल मेट्रो के लिए ऋण (कुल प्रस्ताव-3493.34 करोड़ रूपए) मंजूर किया और 10 दिसंबर 2019 को इस संबंध में वित्तीय समझौता हुआ.
· 02 दिसम्बर 2019 को “न्यू डेवलपमेंट बैंक” ने इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए ऋण (कुल प्रस्ताव- 3 हजार 200 करोड़ रूपए) मंजूर किया.
·22 दिसम्बर 2017 को मेसर्स डीबी इंजीनियरिंग एंड कंसलटिंग जीएमबीएच (जर्मनी) और उसकी सहयोगी कम्पनियों मेसर्स लूईस बर्गर एसएएस (यूएसए) और मेसर्स जियो डाटा इंजीनियरिंग एसपीए (इटली) को प्रोजेक्ट का जनरल कंसलटेंट बनाया गया.
· 01 नवम्बर 2018 को भोपाल और इंदौर मेट्रो के पहले सिविल कार्य के लिए कॉन्ट्रेक्ट एग्रीमेंट किया गया. इसके अनुसार भोपाल मेट्रो के अंतर्गत 247 करोड़ 06 लाख रुपए की लागत से 6.22 किलोमीटर लम्बी वायाडक्ट (रेलवे पुल) और इंदौर मेट्रो कार्य के अंतर्गत 228 करोड़ 96 रुपए की लागत से 5.29 किलोमीटर लम्बे वायाडक्ट (रेलवे पुल) बनाए जाएंगे.