विधायकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है. इतना ही नहीं सितंबर में होने वाले विधानसभा सत्र में भी कॉंस्टेबल का ग्रेड पे का मामला गूंजेगा. इसको लेकर भी विधायकों ने पूरी तैयारी कर ली है. विधानसभा के मानसून सत्र में इस मांग को प्रमुखता से उठाने की बात कही जा रही है.
अब तक 19 विधायकों ने की है मांग
19 विधायकों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कॉन्स्टेबल का ग्रेड-पे 1900 से 2400 करने के मांग की है. विधायकों ने पत्र लिखा है, जिसमें राजस्थान में तत्कालीन बढ़े ग्रेड-पे वेतनमान का हवाला दिया है. सबसे पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वाले विधायकों में राजगढ़ विधायक बापू सिंह तवंर औऱ गुन्नौर जिला पन्ना विधायक शिवदयाल बागरी शामिल थे, लेकिन अब तक 18 विधायक पत्र लिख चुके हैं। इनमेंआलोट (रतलाम),सेलाना (रतलाम),बागली (देवास),गुनौर (पन्ना), अलिराजपुर,राजगढ़, नागदा (उज्जैन), झाबुआ, अशोकनगर, जोबट, भोपाल, महाराजपुर (छतरपुर), मण्डला, मुरैना, तराना( उज्जैन), गरोठ (मंदसौर), जबेरा दमोह के विधायक शामिल हैं.राजस्थान की तर्ज पर की जा रही मांग
पुलिस कार्मिकों का वेतन ग्रेड बढ़ाने को लेकर राजस्थान की तर्ज पर मांग की जा रही है. राजस्थान में भी 100 से ज्यादा विधायकों ने मुख्यमंत्री को कॉन्स्टेबल का गेट पर बढ़ाने के लिए मांग की थी. विधायकों ने पुलिस कांस्टेबलों को राजस्थान विधानसभा में भी इस मामले को उठाने की बात कही है. राजस्थान में पुलिस कांस्टेबलों को 3600 ग्रेड पे की मांग उठाई है. करीब 100 विधायक पुलिसकर्मियों की इस मांग के समर्थन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख चुके हैं. राजस्थान में उठी कांस्टेबलों की यह चिंगारी अब मध्यप्रदेश में भी आ गई है. मध्य प्रदेश के 19 विधायकों ने अब तक सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है.
ग्रेड पे को लेकर यह है मौजूदा स्थिति
-असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर का ग्रेड पे 2400 रुपए
-हेड कॉन्स्टेबल का ग्रेड पे 2100 रुपए
-कॉन्स्टेबल का ग्रेड पे 1900 रुपए
पिछले साल भी उठी थी मांग
पिछले साल भी पुलिस परिवारों ने सोशल मीडिया के जरिए कई तरीके की मांग उठाई थी। हालांकि इस मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया था. पुलिस परिवारों ने लाल परेड ग्राउंड में प्रदर्शन की चेतावनी दी थी. लेकिन बाद में कोई भी सामने नहीं आया.
ये थी पुलिस परिवारों की मांग
-आरक्षक का ग्रेड पे 2800 किया जाए.
-आवास भत्ता 5000 रुपए किया जाए.
-गृह जिले में पदस्थापना की जाए, जिससे पुलिसकर्मी अपने परिवार को समय दे सकें.
-दूसरे राज्यों की तरह आठ घंटे की ड्यूटी की जाए, जिससे पुलिसकर्मी तनाव मुक्त रहे.
-ओवरटाइम का अलग से भुगतान किया जाए.
-विशेष सशस्त्र बल की कंपनियों को स्थायी किया जाए.
-पुलिस अधिनियम 1861 को समाप्त किया जाए.
-साइकिल भत्ते की जगह मोटरसाइकिल भत्ता 3000 रुपए दिया जाए.
-पिछले 50 सालों में जिन भत्तों को नहीं बढ़ाया गया, उन्हें तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर लागू किया जाए.
-विशेष सशस्त्र बल से जिला बल में संविलियन चालू किया जाए.
-दूसरे राज्यों की तरह मध्यप्रदेश पुलिस संगठन बनाया जाए.
-पुलिस विभाग में आवास गृह की समस्याओं को हल किया जाए.