गुना11 घंटे पहले
गुना जिला अस्पताल में मरीजों की कतार लगी है और डॉक्टर नदारद हैं। ऐसी स्थिति लगभग हर रोज होती है।
- जिला अस्पताल में सुबह की ड्यूटी में आने वाले डॉक्टर कभी टाइम पर नहीं आते
- कई डॉक्टर आए, लेकिन रजिस्टर में साइन कर घर चले गए, ज्यादातर 10.30 बजे के बाद आते हैं
कोरोना महामारी की वजह से जिले में संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। हालांकि इस संक्रमण से निपटने के लिए अलग से इंतजामों को दावा किया जा रहा है। लेकिन अस्पताल में सामान्य मरीजों की देखभाल, इलाज आदि को लेकर इंतजाम सवालों के घेरे में हैं। क्योंकि समय पर डॉक्टर आते ही नहीं हैं। यही वजह है कि अस्पताल में क्लर्क और मेडिकल स्टॉफ ने भी इसी हिसाब से आने-जाने की आदत बना ली है।
यहां डॉक्टरों की कुर्सियां खाली हैं, मरीज परेशान होते हैं और डॉक्टर कभी रहते हैं कभी नहीं।
गुरुवार को सुबह 9.30 बजे ओपीडी पूरी खाली थी, यहां पर एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे। सिर्फ आपातकालीन सेवा के लिए डॉक्टर अपने चैंबर में ड्यूटी पर थे। मेडिकल बोर्ड का दिन होने की वजह से बड़ी संख्या में लोग आ चुके थे। लेकिन समय पर न तो कोई कर्मचारी आया और न ही डॉक्टर। इन सभी को एक फोर्थ क्लास कर्मचारी संभालता रहा। लोगों का कहना था कि समय पर मेडिकल बोर्ड से संबंधित प्रक्रिया नहीं होती है। इस वजह से देर शाम तक रुकना पड़ता है।
सुबह 9 बजे है ओपीडी का समय
जिला अस्पताल में ओपीडी सुबह 9 से शाम 4 बजे तक रहती है। इस अवधि में लंच का समय भी मिलता है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि ज्यादातर डॉक्टर 10.30 बजे के बाद आते हैं। इस तरह वह दोपहर 12 बजे तक आते हैं। इस कारण कई मरीज दूर-दराज से आते हैं तो उन्हें समस्या होती है। अगर सुबह 9 बजे से ही डॉक्टर मिल जाएं तो समय रहते लोग दिखाकर जा सकते हैं। लेकिन इस स्थितियों में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। समय पर आने वाले डॉक्टरों का भी कहना है कि नियम सभी के लिए बराबर होना चाहिए। सुबह 9 बजे ओपीडी चालू होती है तो सभी की मौजूदगी होनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है।