भोपाल13 मिनट पहले
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भोपाल नगर निगम ने माइंड टेक कंपनी से पार्किंग के 22 ठेके अवैध वसूली की शिकायतों की वजह से वापस ले लिए, लेकिन निगम भी पार्किंग का संचालन ठीक से नहीं कर पा रहा है।
- पार्किंग में बिना पर्ची के मनमर्जी से हो रही वसूली, रसीद मांगने पर पुरानी पर्ची थमाते हैं कर्मचारी
- नगर निगम ने 22 स्थानों पर माइंडटेक कंपनी का कांट्रेक्ट खत्म कर अपने हाथ में ली है पार्किंग
राजधानी के एमपी नगर जोन- 2 में स्थित आईसीआईसीआई बैंक के सामने पार्किंग में जुबेर नाम का व्यक्ति वाहन मालिकों से पार्किंग शुल्क के नाम पर 10 रुपए वसूल रहा है। जुबेर न तो वर्दी पहने है न ही उसके पास आईकार्ड है। वह यहां लोगों को न तो पार्किंग की रसीद दे रहा है और न ही कोई इसकी वजह पूछने की हिम्मत कर रहा है। यदि कोई रसीद मांगता है तो जेब में रखी पुरानी रसीदें निकालकर दे देता है। यह हकीकत डीबी स्टार की पड़ताल में सामने आई है। गुरुवार को डीबी स्टार के संवाददाता ने माइंडटेक कंपनी से वापस ली गई पार्किंग में चल रही अवैध वसूली की पड़ताल शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।
सरकारी रिकार्ड में एमपी नगर जोन-2 में बैंक स्ट्रीट के सामने स्थित पार्किंग में नगर निगम ने दीपक धाकड़ नाम के युवक की ड्यूटी पार्किंग की व्यवस्था संभालनें के लिए लगा रखी है। लेकिन मौके पर दीपक की जगह जुबेर पार्किंग शुल्क की वसूली कर रहा है। खास बात ये है कि जुबेर के पास न तो कोई आईडी कार्ड है और न ही पार्किंग के एवज में दी जाने वाली रसीदें। यहां तक कि उसके पास वर्दी भी नहीं है। फिर बेधड़क वो यहां से रोजाना 3 से 4 हजार रुपए की वसूली करता है। डीबी स्टार संवाददाता ने इस संबंध में जब जुबेर से बात की तो जवाब मिला कि उसे वहां वार्ड प्रभारी ने तैनात कर रखा है।

जुबैर खान बैंक स्ट्रीट के सामने निगम की पार्किंग पर वसूली करता है और पर्चिंयां मांगने पर जेब में रखी पुरानी पकड़ा देता है।
दरअसल, कुछ समय पहले शहर के 34 स्थानों पर बेंगलुरू की माइंडटेक कंपनी ने द्वारा पार्किंग कराई जा रही थी। लेकिन पार्किंग में हो रही मनमानी की शिकायतें नगर निगम प्रशासन के पास पहुंचने के बाद आनन-फानन में माइंडटेक कंपनी से 22 पार्किंग का ठेका निरस्त कर नगर निगम ने वापस ले लिया गया है।
एमपी नगर की पार्किंग निगम के हवाले संचालन प्राइवेट कर्मचारी कर रहा
शिवा बार के सामने एमपी नगर जोन-2 की पार्किंग की जिम्मेदारी नगर निगम ने कर्मचारी नोशे खान के हवाले कर रखी है। लेकिन हकीकत में यहां पर एक प्राइवेट कर्मचारी जिसका नाम राकेश सविता है, पार्किंग में खड़े होने वाले वाहन मालिकों से वसूली कर रहा है। यहां पर रोजाना 200 से ज्यादा गाड़ियों की पार्किंग दिनभर में होती है। लेकिन वसूली का कोई हिसाब किताब कर्मचारी के पास नहीं है।
भास्कर संवाददाता ने पार्किंग की वसूली कर रहे कर्मचारी से पूछा कि किसने उसे यहां तैनात किया है, पहले तो उसने कहा कि नगर निगम कमिश्नर ने उनको यहां पर तैनात किया है। फिर बोला कि वार्ड प्रभारी ठाकुर साहब के कहने पर वसूली कर रहा है। इतना ही नहीं कितनी गाड़ियों की उसने रसीद काटी इसका भी कोई हिसाब किताब उसके पास नहीं मिला। पहले की कटी हुई रसीदें वाहन मालिकों को दी जा रही थी।

एमपी नगर जोन-2 की स्मार्ट पार्किंग की जिम्मेदारी नगर निगम ने कर्मचारी नोशे खान के हवाले है, लेकिन यहां पर प्राइवेट कर्मचारी राकेश सविता वसूली कर रहा है।
हॉकर्स कॉर्नर की स्मार्ट पार्किंग में भी फर्जी वसूली
एमपी नगर जोन-2 हॉकर्स कार्नर के पास यहां पर पिछले एक सप्ताह से राज नामक युवक गाड़ियों की पार्किंग करा रहा है। ये स्मार्ट पार्किंग है, जो पहले माइंडटेक कंपनी के हवाले थी। यहां पर ज्यादातर चार पहिया वाहन पार्क किए जाते हैं। दिनभर में 150 से ज्यादा गाड़ियों पार्क हो रही है। लेकिन यहां पर जिस कर्मचारी दिलीप इंगले की ड्यूटी निगम ने लगाई है कि उसकी जगह राज वसूली कर रहा है। हैरानी की बात ये है कि राज भी वार्ड प्रभारी के कहने पर गाड़ी मालिकों से पार्किंग शुल्क की राशि वसूल रहा है। वो भी बिना रसीद दिए।
पुलिस में शिकायत करेंगे पहले भी कर चुके हैं
वार्ड 43 प्रभारी अमितोष सिंह ठाकुर ने बताया कि मैंने किसी प्राइवेट कर्मचारी को ड्यूटी पर नहीं लगाया। मेरे वार्ड में 8 स्थान पार्किंग के लिए तय किए गए हैं। इसमें मानसरोवर और प्रगति पेट्रोल पंप के सामने वाली पार्किंग निगम संचालित कर रहा है। यदि कोई मेरे नाम से वसूली कर रहा है तो इस बारे में पुलिस से शिकायत करेंगे। पहले भी कर चुके हैं।
पार्किंग स्थलों पर निगम के कर्मचारी तैनात हैं और वही रसीद काटते हैं
नगर निगम उपायुक्त और पार्किंग के प्रभारी अधिकारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि नगर निगम ने अपने कर्मचारियों को पार्किंग में तैनात किया है, जो रोजाना पार्किंग में आने वाले गाड़ियों के हिसाब से रसीदें काटकर देते हैं। जिन कर्मचारियों को नगर निगम ने तैनात किया है, उनके पास रसीद कट्टे भी दिए गए हैं। यदि कोई और वसूली कर रहा है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई करेंगे।
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