हरदा19 घंटे पहले
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हरदा। मीटिंग के दौरान थाने में मौजूद स्टाफ।
- पुलिस अधीक्षक ने गुरुवार को वर्चुअल मीटिंग ली, थानेवार लंबित मामलों की समीक्षा की
कोरोना के बढ़ते संक्रमण से अब पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं। बीते दिनों पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के संक्रमित होने के मामले सामने आने के बाद एसपी मनीष अग्रवाल ने स्टाफ की सुरक्षा के लिहाज से और भी ज्यादा सावधानी बरतना शुरू कर दिया है। उन्होंने गुरुवार को अपने ऑफिस से ही जिले के सभी आठ थानों की समीक्षा बैठक वर्चुअल मीटिंग के जरिए ली, इसमें उन्होंने महिला और बाल अपराधों को समय सीमा में हल करने तथा पीड़ित पक्ष को न्याय और राहत राशि दिलाने के साथ निर्देश दिए।
एसपी मनीष अग्रवाल ने गुरुवार शाम 4 बजे से हरदा, टिमरनी, खिरकिया, रहटगांव, हंडिया, सिराली, सिविल लाइन थाना, अजाक थाना के प्रभारियों की वर्चुअल मीटिंग ली। वे अपने साथ लंबित अपराधों की फाइल लेकर बैठे। इसके बाद उन्होंने हर थाना प्रभारी से करीब 40 से 45 मिनट हर लंबित मामले पर अब तक के अपडेट को लेकर पूछताछ की, साथ ही देरी और लापरवाही बरतने वाले विवेचक से सीधे बातचीत कर फटकार भी लगाई।
जाति प्रमाण पत्र के कारण अटके मामलाें को तुरंत निराकृत करने के दिए निर्देश
छीपाबड़ थाने में महिला और आरक्षित वर्ग के लोगों के साथ हुए अत्याचार के मामलों में पीड़ित पक्ष को छोटे-मोटे कारणों से अभी तक सहायता राशि शासन से नहीं मिली, समीक्षा के दौरान जब यह बात सामने आई तो एसपी मनीष अग्रवाल ने थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि महिला और बाल अपराधों तथा पीड़ितों की राहत राशि के मामलों में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जाति प्रमाण पत्र के कारण अटके मामलाें को तुरंत निराकृत करने के निर्देश दिए।
बेहतर काम करने वाले कर्मचारी होंगे पुरस्कृत
सिविल लाइन थाना और सिराली, रहटगांव में कुछ मामले अपहरण, गांजा, ठगी से जुड़े थे। इनके आरोपियों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं होने पर एसपी ने नाराजगी जताई। उन्होंने थाना प्रभारियों से साफ कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी चालान पेश करने, समय पर विवेचना करने और मर्ग विवेचना में देरी करने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि बेहतर काम करने वाले कर्मचारी पुरस्कृत होंगे
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