इंदौर के मरीजों के सीरे सर्वे में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटिबॉडी डेवलप होने का पता चला है. सांकेतिक फोटो.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) प्रशासन ने का कहना है कि सर्वेक्षण के नतीजों से पता चलता है कि शहर में महामारी से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में संक्रमण को वहीं रोककर नियंत्रित करने के उपाय कामयाब रहे हैं.
इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) पवन कुमार शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की मदद से किए गए सर्वेक्षण में एक साल से अधिक उम्र के 7,103 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए. शर्मा ने कहा, ‘इनमें से 548 नमूनों यानी 7.72 प्रतिशत प्रतिभागियों में सार्स सीओवी-2 (वह वायरस जिससे कोविड-19 फैलता है) के खिलाफ एंटीबॉडी मिली हैं. खास बात यह है कि सर्वेक्षण में शामिल महिलाओं और पुरुषों, दोनों में समान रूप से इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली हैं’.
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ये उपाय रहे कामयाबआयुक्त पवन कुमार शर्मा ने बताया कि सर्वेक्षण के नतीजों से पता चलता है कि शहर में महामारी से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में संक्रमण को वहीं रोककर नियंत्रित करने के उपाय कामयाब रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि शहर के बॉम्बे बाजार क्षेत्र में 30 फीसद से ज्यादा प्रतिभागियों में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली हैं. इसके अलावा, 45 से 60 साल के आयु वर्ग में सबसे ज्यादा एंटीबॉडी पायी गयी हैं. माना जा रहा है कि सीरो-सर्वेक्षण के तहत रक्त का नमूना लिए जाने के 15 दिन पहले ये लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके थे, लेकिन महामारी के लक्षण नहीं होने के कारण उन्हें संक्रमण का पता नहीं लगा.
इंदौर में कोरोना के मामले
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इंदौर जिले में 24 मार्च से 27 अगस्त के बीच कोविड-19 के कुल 12,229 मरीज मिले हैं. इनमें से 379 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि 8,610 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. जिले में कोरोना वायरस के प्रकोप की शुरुआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी.