इंदौर2 घंटे पहले
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गाड़ी इंदौर के ही एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है।
- खरगोन से शराब की बड़ी खेप लेकर आ रहे थे, भागने में एक युवक जख्मी
- एमआईजी के देवनगर से बिकने आई थी अवैध शराब, ठेकेदार को भी बनाएंगे आऱोपी
खरगोन से शराब की एक बड़ी खेप की तस्करी की जानकारी पर डीआईजी ने सिमरोल औऱ तेजाजी नगर पुलिस को अलर्ट किया। दोनों थानों की पुलिस ने नाकाबंदी की, लेकिन तब तक बदमाश गाड़ी लेकर निकल चुके थे। तभी उन्होंने कनाड़िया पुलिस को सूचना दे दी। कनाड़िया पुलिस को लग गया कि बदमाश काफी तेजी में होंगे और आसानी से पकड़ाएंगे नहीं। इस पर टीआई ने बायपास पर जाम लगवा दिया। आगे गाड़ियां आने से शराब से भरी गाड़ी रुक गई। पुलिस को देखकर ड्राइवर कूदा, हालांकि उसे जख्मी हालत में पकड़ लिया है।
कनाड़िया टीआई आरडी कानवा के अनुसार खरगोन से इंदौर के एमआईजी थाना क्षेत्र में ले जाई जा रही शराब की एक बड़ी खेप पुलिस ने पकड़ी है। इसमें आरोपी ड्राइवर अमित पिता भाउडुचे निवासी दीपक नगर पिपल्याहाना और विशाल पिता अजय वर्मा निवासी देव नगर को गिरफ्तार किया है। रात को डीआई को मुखबिर से सूचना मिली थी की एक नई गाड़ी में शराब भरकर लाई जा रही है। इसमें ड्राइवर काफी तेज गाड़ी दौड़ाता है। उसे पकड़ेंगे तो करीबन 145 पेटी माल मिलेगा। यह गाड़ी इंदौर के ही एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है।
डीआईजी ने सिमरोल और तेजाजी नगर पुलिस को सूचना दे दी। जब तक सिमरोल पुलिस पकड़ने की कोशिश करती गाड़ी निकल चुकी थी। फिर तेजाजी नगर पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया, लेकिन बदमाश चकमा देकर कनाड़िया बायपास की तरफ भाग निकले। फिर तेजाजी नगर पुलिस ने समझदारी दिखाते हुए कनाड़िया थाने पर सूचना दे दी। साथ ही एक जवान ने गाड़ी का पीछा भी किया। अलर्ट कॉल मिलते ही टीआई कानवा अपनी टीम के साथ भिचौली मर्दाना के गेट पर पहुंचे। वहां दूर से ही सफेद रंग की नई गाड़ी आती दिखी। पुलिस ने तत्काल स्टॉपर लगा दिए। फिर सारी गाड़ियों को खड़ाकर जाम लगा दिया।
पुलिस को देख कूदा ड्राइवर
आरोपी ड्राइवर अमित ने भी दूर से पुलिस को देख लिया। उसने गाड़ियों के पास आते ही छलांग लगा दी। वह भागने लगा, लेकिन उसे चोट आ गई। तब तक पुलिस उसके पास पहुंच गई। उसे पकड़ लिया। दोनों ने कबूला कि वे खरगोन जिले से शराब लेकर आए थे। ये शराब एमआईजी के देव नगर में छिपाकर रखी जाती और वहीं से बेचना थी।
पकड़ाने के डर से वाट्सएप कॉलिंग से करते थे
टीआई के अनुसार आरोपियों ने अभी अपने सरगनाओं के नाम नहीं कबूले हैं, इसलिए उनका रिमांड लिया है। सरगना पुलिस से पकड़ाने के डर से उनसे वाट्सएप पर बात करते थे। बदमाशों ने पुलिस को देखकर पहले ही मोबाइल फेंक दिया है। अब उनके मोबाइल की तलाश की जा रही है।
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