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- Heavy Rain In MP | Narmada River Above Danger Mark In Madhya Pradesh News Updates; Budni, Nasrullaganj, Kalapipal And Sehore
भोपाल7 घंटे पहले
नर्मदा नदी में पानी खतरे के निशान से अधिक होने के कारण सीहोर-कालापीपल मार्ग और बुदनी-नसरुल्लागंज क्षेत्र के कई रास्ते बंद हो गए।
- पार्वती समेत अन्य नदियों के उफान से कई रास्ते बंद हो गए
लगातार बारिश के कारण नर्मदा खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। ऐसे में सीहोर-कालापीपल मार्ग पर पार्वती नदी पुल पर पानी आने से रास्ता बंद हो गया। इधर, बुदनी और नसरुल्लागंज क्षेत्र में नदी-नालों में उफान से रास्ते बंदर होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। पूरा जिला ही पानी-पानी हो गया है। नर्मदा नदी खतरे के निशान से 4 फीट ऊपर है। ऐसे में नर्मदा तटीय गांवों में निचली बस्तियों के लोंगों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया गया है।
नर्मदा नदी के तट से लगे इलाकों में इस तरह पानी भर गया।
रेत खनन करने वाले मजदूरों को नाव से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इसी तरह इछावर क्षेत्र में कुलांस नदी में उफान से रास्ते बंद हो गए। यही नहीं, जिला मुख्यालय पर भी कई कॉलोनियों में लोगों के घरों में पानी भर गया, जिससे लाखों का नुकसान हुआ। जिला मुख्यालय पर भी बकरी पुल और करबला पुल पर करीब 3 से लेकर 5 फिट तक पानी था, इस कारण रास्ते बंद कर दिए गए। शहरवासियों को पुराने स्टेट हाईवे से होकर जाना पड़ा। शनिवार सुबह 8 बजे तक जिले में पिछले 24 घंटे में साढ़े 3 इंच औसत बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश बुदनी में 6 इंच से ज्यादा हुई है।
रस्सी के सहारे पुल पार करते हैं
श्यामपुर क्षेत्र के गांव करंजखेड़ा में पुलिया टूट जाने के बाद अब तक नई पुलिया का निर्माण नहीं हो सका है। जबकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकार ने ग्रामीणों को जल्द ही पुलिया बनाने का आश्वासन दिया था। लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ। ऐसे में जब कभी गांव का कोई व्यक्ति बीमार होता है और उसे अस्पताल ले जाना होता है तो यहां ट्यूब पर खाट बिछाकर उस पर मरीज को ले जाना पड़ता है। जबकि हर दिन दूध की केन निकालने के लिए ग्रामीणों को रस्सी का ही सहारा लेना पड़ता है।