After the prayer, the administration closed the gate of Imambara, the police kept returning the people of Taji’s Didar | इबादत के बाद प्रशासन ने बंद करवाया इमामबाड़े का गेट, ताजिए के दीदार को आए लोगों को लौटाती रही पुलिस

After the prayer, the administration closed the gate of Imambara, the police kept returning the people of Taji’s Didar | इबादत के बाद प्रशासन ने बंद करवाया इमामबाड़े का गेट, ताजिए के दीदार को आए लोगों को लौटाती रही पुलिस


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इंदौर13 मिनट पहले

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इमामबाड़ा पर सरकारी ताजिए की जियारत के लिए समाजजन पहुंचे।

  • मोहर्रम की 10 तारीख पर यौमे आशुरा हुआ, समाजजनों ने रोजा रखा
  • सुरक्षा की दृष्टि से इमामबाड़े के चारों तरफ पुलिस ने बेरिकेडिंग की

मोहर्रम पर्व पर रविवार को इमामबाड़े पर ही सरकारी ताजिया पर रीति रिवाज से फातेहा पढ़कर वापस से इमामबाड़ा के गेट को प्रशासन द्वारा बंद करवा दिया गया। रविवार के लॉकडाउन के साथ ही प्रशासन ने किसी भी प्रकार के आयोजन पर प्रतिबंध लगा रखा हे। इस दौरान जो भी सरकारी ताजिए की जियारत करने के लिए पहुंचे। पुलिस-प्रशासन उन्हें समझाइश देकर वापस लौटा दिया गया। सुरक्षा की दृष्टि से इमामबाड़े के चारों तरफ बेरिकेडिंग की गई है। साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस फाेर्स को भी तैनात किया है।

पुलिस ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया था।

पुलिस ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया था।

रविवार को रीति रिवाज का निर्वहन करते हुए समाजजनों ने इमामबाड़ा के अंदर ही ताजिए को अपनी जगह से उठाकर फिर उसी जगह रखा। हालांकि ताजिए को उठाने के लिए बहुत से लोग इमामबाड़े पर पहुंचे थे। बाहर खड़ीं सराफा थाना टीआई अमृता सोलंकी खुद लोगों को हटाती रहीं। कई बार उन्होंने समाजजनों को भी लोगों को समझाने को कहा। लगातार समझाइश के बाद भी समाजजन ताजिए का दीदार करने यहां पहुंच रहे थे। इस पर पुलिस ने समाजजनों की मदद से लोगों को लौटाया।

टीआई अमृता सोलंकी खुद मौके पर मौजूद रहीं।

टीआई अमृता सोलंकी खुद मौके पर मौजूद रहीं।

सराफा थाना टीआई ने बताया है कि शहरकाजी और ताजिया कमेटी के अध्यक्ष ने चर्चा में कहा था कि सरकारी ताजिया नियमों का पालन करने हुए बाहर नहीं जाएगा। इसी के चलते रविवार को इमामबाड़े के भीतर ही सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया गया। इसके बाद इमामबाड़े के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। अब किसी प्रकार की भीतर इबादत नहीं होगी। लाॅकडाउन को देखते हुए हमने बेरिकेडिंग के साथ ही जवानों को तैनात कर रखा है। यदि कोई कानून का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसार रविवार को जो घर के बाहर निकल रहा है, वह गैरकानूनी काम कर रहा है। ताजिए का विसर्जन घर पर ही होगा। इसलिए लोग अपने घरों पर ही रहें।

बड़ी संख्या में लोगों ने इमामबाड़े का रुख किया।

बड़ी संख्या में लोगों ने इमामबाड़े का रुख किया।

मुस्लिम समाज ने मोहर्रम की 9 तारीख शनिवार को इमाम हुसैन की शहादत को याद कर रोजा रखा। इस मौके पर फातेहा पढ़ी गई और कुरान की तिलावत हुई। साथ ही दिनभर इमामबाड़ा पर सरकारी ताजिए की जियारत के लिए जायरीनों की आवाजाही भी बनी रही। इस बार कोरोना की वजह से शहादत की रात पर सरकारी ताजिया इमामबाड़ा से निकलकर राजबाड़ा की परिक्रमा पर नहीं निकला। मोहर्रम की 10 तारीख पर रविवार को यौमे आशुरा हुआ। इस दिन भी समाजजनों ने रोजा रखा।

राजबाड़ा क्षेत्र को इस प्रकार से सील कर दिया गया था।

राजबाड़ा क्षेत्र को इस प्रकार से सील कर दिया गया था।

सरकारी ताजिया इंतेजामिया कमेटी के अध्यक्ष हाजी इनायत हुसैन कुरैशी ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से 100 साल में पहली बार एेसा हो रहा है, जब सरकारी ताजिया शहादत की रात राजबाड़े की परिक्रमा पर नहीं निकला। रविवार को यौमे आशुरा के दिन भी सरकारी ताजिया जुलूस के रूप में कर्बला मैदान नहीं ले जाया गया। प्रशासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। सरकारी ताजिया हमारी गंगा-जमुना तहजीब का प्रतीक है। साढ़े बारह फीट ऊंचा और साढ़े नौ फीट चौड़ा ताजिया बनाया गया है। प्रशासन की अनुमति जब मिलेगी, तब ताजिए को कर्बला मैदान ले जाया जाएगा।

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