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- JEE Main, Starting 1 September, JEE Center 200 Km Away; Students Have To Come A Day Before The Bus, Trains Stop
इंदौर22 मिनट पहले
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- 01 से 6 सितंबर तक होगी जेईई मेन की परीक्षा
- 02 शिफ्ट होंगी एक दिन में सुबह और दोपहर
- 03 सेंटर बनाए गए हैं इंदौर में
- 400 बच्चे औसतन एक सेंटर पर एक शिफ्ट में देंगे परीक्षा
- 07 से 8 हजार बच्चे होंगे परीक्षा में शामिल
आईआईटी में प्रवेश के लिए 1 सितंबर से शुरू हो रही जेईई मेन की परीक्षा ने इस बार प्रतिभागियों के माता-पिता की चुनौती भी बढ़ा दी है। खासकर ऐसे पालक जो इंदौर से बाहर रहते हैं लेकिन एग्जाम सेंटर इंदौर में है। खंडवा, खरगोन, कालापीपल, बमनाला, रतलाम सहित कई स्थानों से बच्चे अपने पालकों के साथ परीक्षा देने इंदौर आएंगे। अधिकतर बच्चे एक दिन पहले
आकर संबंधियों के यहां रुकेंगे और अगले दिन परीक्षा देने जाएंगे। कई प्रतिभागी दो सौ किलोमीटर दूर से भी आ रहे हैं।
प्रदेश के लगभग हर जिले के बच्चे इंदौर आते हैं परीक्षा की तैयारी करने
इंदौर में जेईई और नीट की तैयारी करने के लिए प्रदेश के लगभग हर जिले के बच्चे आते हैं। इनमें इंदौर के आसपास दो सौ से ढाई सौ किलोमीटर से आने वालों की संख्या ज्यादा होती है। कोचिंग संचालकों के मुताबिक देवास, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीचम, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, नेपानगर, सारणी, राजगढ़, गुना, सागर से बच्चे आते हैं। हरियाणा, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ के बच्चे भी तैयारी के लिए यहां आते हैं। हालांकि ये छात्र परीक्षा के लिए अपने गृह क्षेत्र को ही चुनते हैं।
एक दिन पहले ही पीथमपुर में मौसी के यहां रुकेंगे
खंडवा से अपने पापा महेंद्र सिंह चौहान के साथ परीक्षा देने इंदौर आ रही सिद्धि ने बताया, देवास नाका सेंटर मिला है। सुबह 9 बजे से परीक्षा है लेकिन रिपोर्ट सुबह 7 बजे करना है। हम लोग एक दिन पहले ही पीथमपुर में मौसी के यहां रुकेंगे। यदि परिस्थितियां सामान्य होती तो शायद अकेले भी परीक्षा दे लेती। इंदौर में ही रहकर पढ़ाई भी की थी इसलिए मुश्किल नहीं होता।
भोपाल में कोई रिश्तेदार नहीं, इसलिए इंदौर को सेंटर चुना
कालापीपल के रहने वाले हर्षल उज्जालिया 3 सितंबर को दोपहर 3 से 6 बजे तक परीक्षा देंगे। वैसे तो उनके गांव से भोपाल सवा सौ किलोमीटर दूर है लेकिन उन्होंने दो सौ किलोमीटर दूर इंदौर को सेंटर के रूप में चुना। हर्षल के पिता जितेंद्र बताते हैं, इंदौर में रिश्तेदार रहते हैं। एक दिन पहले उन्हीं के घर जाकर रुकेंगे ताकि अगले दिन समय पर पहुंच सकें।
आवागमन का साधन नहीं, किराए की कार से आएंगे
एक साल का ड्रॉप लेकर परीक्षा की तैयारी कर रहे खंडवा निवासी श्याम बोड़े ने बताया, देवास नाका सेंटर पर 2 सितंबर को दोपहर 3 से 6 बजे तक परीक्षा देनी है। कोई रिस्क नहीं लेना चाहते इसलिए एक दिन पहले ही भागीरथपुरा स्थित ताऊजी के घर आकर रुकेंगे। आवागमन का कोई साधन नहीं है इसलिए किराए की कार से आएंगे।
बच्चों की इस परेशानी पर हम विचार करेंगे
परीक्षा देने वाले बच्चों के लिए हमने अलग से प्रबंध नहीं किया है। बस ऑपरेटरों को बस चलाने की अनुमति दी गई है। वे बसें नहीं चला रहे हैं। परीक्षा देने वाले बच्चे छोटे तो नहीं हैं बड़े बच्चे हैं फिर भी हम विचार करेंगे। – गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन मंत्री, मप्र
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