The procession will not come out at Moharram, will immerse the Tajis made in the house with the official vehicles | मोहर्रम पर नहीं निकलेगा जुलूस, घराें में बनाए ताजियाें का सरकारी वाहनाें से करेंगे विसर्जन

The procession will not come out at Moharram, will immerse the Tajis made in the house with the official vehicles | मोहर्रम पर नहीं निकलेगा जुलूस, घराें में बनाए ताजियाें का सरकारी वाहनाें से करेंगे विसर्जन


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धार9 मिनट पहले

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  • काेराेना संक्रमण के चलते सार्वजनिक कार्यक्रम और रैलियांे पर भी रोक

काेराेना के चलते इस साल सार्वजनिक जुलूस पर राेक है। हर साल शहर में निकलने वाले ताजियाें का कारवां नहीं निकलेगा। माेहर्रम पर्व के अवसर पर जिन मुस्लिम समाजजन ने अपने घरों में ताजिए बनाए हैं। उनका विसर्जन शासकीय वाहनाें से किया जाएगा। दूसरी तरफ 1 सितंबर काे अनंत चतुदर्शी पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। शनिवार काे इस संबंध में जिला प्रशासन की बैठक भी हुई है। जिसमें मुख्य रूप से ताजिया विसर्जन काे लेकर चर्चा की गई। शहर में हर साल 140 के लगभग ताजिए निकलते हैं, लेकिन इस साल काेराेना संक्रमण के चलते सरकार ने सार्वजनिक जुलूस, रैलियांे पर राेक लगा रखी है। सरकार की गाइडलाइन के पालन में जिला प्रशासन ने मुस्लिम समाज काे ताजियाें का कारवां निकालने की अनुमति नहीं दी। एेसी स्थिति में समाजजन ने घराें में ही ताजिए बनाकर इबादत की। 21 अगस्त (माेहर्रम की 1 तारीख से) पर्व की शुरुअात हुई थी। शनिवार काे (माेहर्रम की 9 तारीख) तक इबादत करने के बाद रविवार काे ताजियांे का विसर्जन हाेगा। कुछ ताजियाें का विसर्जन साेमवार काे भी किया जाएगा। प्रशासन अपनी व्यवस्था के अनुरूप करेगा। ताजिया विसर्जन काे लेकर प्रशासन ने अधिकारियों-कर्मचारियाें की अलग-अलग टीमें बनाई गई है, जिसमें सबसे अहम जिम्मेदारी नपा काे साैंपी गई है। नपा के स्वास्थ्य अधिकारी अानंद विजयसिंह ने बताया ताजियाें काे नपा के वाहनाें में ले जाया जाएगा। इससे पहले प्रत्येक गाड़ियों काे सैनेटाइज किया जाएगा। इसके साथ ही सभी चालकाें की स्क्रीनिंग भी कराई जाएगी। स्वास्थ्य अधिकारी सिंह के मुताबिक ताजियाें काे शहर के चिह्नित स्थानांे से लेने के बाद उन्हें कर्बला में विसर्जित किया जाएगा। विसर्जन स्थल पर भी पांच लाेगांे की टीम बनाई गई है।

डाेल ग्यारस पर शनिवार काे पहली बार शहर में डाेल नहीं निकले। काेराेना काल के चलते प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। शहर के इतिहास में 50वें साल में आकर यह परंपरा टूटी। इसके पहले 49 साल में कभी भी ऐसा अवसर नहीं आया जब डाेल न निकले हाे।
दर्जी समाज के अाेमप्रकाश साेलंकी ने बताया कि हमारे समाज के मंदिर
से गत 49 साल से डाेल निकाले जा रहे हैं। इस बार 50वां साल था इसलिए हमने धूमधाम से निकालने का साेचा था, लेकिन अनुमति नहीं मिलने से हमने मंदिर में ही पूजा-अर्चना की और भजन किए।

बिना जुलूस के निकले डाेल
तिरला | डाेल ग्यारस पर शनिवार काे श्रीराम मंदिर, कृष्ण मंदिर, बड़े श्रीराम मंदिर, सत्यनारायण मंदिर के अाकर्षक डाेल नगर में निकाले गए। गांव के बाहर एक बावड़ी पर स्नान कराया। घर-घर महिलाओं और परुषाें ने भगवान की फल और अनाज से गाेद भराई कर पूजा की। दाेपहर तीन बजे से हर अाधे घंटे में एक डाेल निकाला। अंतिम डाेल 5.30 बजे निकाला गया। पहली बार अलग-अलग डाेल निकाले गए।

आगे क्या: नपा घर-घर से गणेश प्रतिमा लेकर विसर्जित करेगी
अनंत चतुदर्शी पर गणेश विसर्जन भी किया जाना है। इसे लेकर नगर पालिका ने अपने स्तर पर पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य अधिकारी अानंद विजय सिंह ने बताया फिल्टर प्लांट के पास एक पाेखर बनाया गया है। यहां सारी प्रतिमाएं विसर्जित की जाएगी। स्वास्थ्य अधिकारी बाेले- इंदाैर में छाेटी-छाेटी प्रतिमाएं घरों से इकट्ठा कर विसर्जित की जाती हैं। उसी तरह धार मंे काॅलाेनी, माेहल्लाें से ही प्रतिमाएं लेकर पाेखर में विसर्जित की जाएगी। ताकि लाेगों काे चलकर नहीं जाना पड़े। इसके साथ ही शहर के एेसे तालाब जहां प्रतिमा विसर्जन की संभावनाएं बनती हैं। उनके लिए दल गठित किए गए हैं। करीब 10-12 दल बनाए गए हैं। जाे लाेगों की भीड़ जमा हाेने से राेकेंगे। इसके साथ ही पाेखर पर भी प्रतिमा विसर्जन के लिए एक टीम माैजूद रहेगी।

हर साल 3 दिन होते हैं कार्यक्रम

हर साल ताजियों का कारवां हटवाड़ा स्थित इमामबाड़े पर सुबह 3 बजे इकट्ठा हाेते है। यहां से जुलूस शुरू हाेता है। जाे पूरे शहर में हुए रात 11 से 12 बजे के बीच कर्बला पहुंचता है। दूसरे दिन माेहर्रम की 11 तारीख काे शेष ताजिए मुरादपुरा में इकट्ठा हाेते हैं। दूसरे दिन भी जुलूस निकालकर रात 11-12 बजे खुटी मसजिद कर्बला पहुंचते हैं। तीसरे दिन हटवाड़ा स्थित इमामबाड़े सेहम की फातिया पढ़ी जाती है। शहर काजी वकार सादिक ने बताया हर साल माेहर्रम पर्व के दाैरान 26 अखाड़े भी शामिल हाेते हैं। इस साल काेराेना के चलते सभी अखाड़े स्वेच्छा से निरस्त किए गए हैं।

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