हरदा जिले में नर्मदा नदी के किनारे बसे हर गांव की हालत खराब है.
नेमावर (Nemawar) का श्मशान घाट नर्मदा के पानी से घिरा हुआ है. यहां लोग शवों के दाह संस्कार करने में भी नाकाम दिख रहे हैं. हंडिया गांव में कमर तक के पानी में घुसकर लोग भगवान की पूजा कर रहे हैं.
दूसरा वीडियो नर्मदा के दूसरे किनारे पर बसे हंडिया का है. इस गांव में भी नर्मदा नदी का पानी भर गया है. गांव के गणेश मंदिर में कमर तक पानी भरा हुआ है. ऐसी हालत में भी युवा गणेश जी की पूजा कर रहे हैं. ग्रामीण भगवान गणेश को मनाकर उनसे बारिश बंद कराने और नर्मदा को शांत करने की प्रार्थना कर रहे हैं.
नर्मदा के किनारे बसे सभी गांवों की हालत खराबहरदा जिले में बीते दो दिनों से जारी बारिश से सभी नदियां उफान पर थीं. प्रशासन ने करीब 5 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. नर्मदा नदी 1993 के बाद अपने उच्चतम स्तर को पारकर 275 मीटर तक पहुंची. जिले में नर्मदा किनारे बसे गांवो में हालात बहुत ज्यादा खराब हैं. लगातार बारिश और डैम से पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा बीते 30 सालों के अपने विकराल रूप में है. नर्मदा के उफान पर होने से गोला, छीपानेर, गोन्दा गांव, गंगेश्वरी, शमशाबाद, हंडिया और गोयत सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं, सैंकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं. हंडिया में नेशनल हाइवे पर बना पुल शनिवार से ही अभी तक बन्द है. नर्मदा में पानी ज्यादा होने से पुलिस विभाग ने पुल से भारी आवागमन बन्द कर रखा है, जिससे दोनों ओर वाहनों की कतार लगी हुई है.
सीएम ने की पीएम से बात
मध्य प्रदेश में बाढ़ के हालात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से बात की है. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करते हुए प्रशासन जब निकलने का कहे तो सावधानी रखते हुए तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविर में शिफ्ट होने में सहयोग करें. बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं. कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. मुख्यमंत्री ने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि सहयोग का हाथ बढ़ाएं. बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन वस्त्र और अन्य सहायता प्रदान करने में सहयोग करें. कच्चे मकानों में रहने वालों को मकान खाली करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कटनी, शाजापुर और देवास में ऐसी घटनाओं से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता दी गई है. ऐसे कच्चे मकान जो खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं और भारी बारिश नहीं सह पाते, उन्हें खाली किया जाना ही उचित है. प्रशासन ऐसी घटनाओं पर तत्काल राहत की कार्यवाही भी कर रहा है.