इंदौर15 मिनट पहले
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प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने उद्योगों को लेकर बात की।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने रेसीडेंसी कोठी में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
- स्थानीय उद्योगपतियों और उद्योग संघ के पदाधिकारियों से औद्योगिक नीति के क्रियान्वयन के संबंध में बात की
शिवराज सरकार में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा सोमवार को इंदौर आए। रेसीडेंसी कोठी में उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसके बाद स्थानीय उद्योगपतियों और उद्योग संघ के पदाधिकारियों से औद्योगिक नीति के क्रियान्वयन के संबंध में बात की। मंत्री ने कहा कि मप्र में उद्योग लगने के साथ ही प्रोडक्शन भी बढ़ा है। अभी सबसे ज्यादा मौके आत्म निर्भर भारत में मिले हैं। चाइना के प्रति पहली बार कंज्यूमर की ओर से भी यह बात आई कि चाइना के मुकाबले दो-चार फीसदी ज्यादा पैसा भी देकर वे भारत का प्रोडक्ट खरीदेंगे। इस देश में काफी लंबे समय बाद यह मौका आया है। इस कारण हमें उम्मीद है लोकल इंडस्ट्री तेजी से ग्रोथ करेंगी। इंडस्ट्री को जरूरत के हिसाब से लोग मिलें, इसके लिए ट्रेनिंग सेंटर भी खोलने की तैयारी है।
मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत कृषि के बाद अब सबसे ज्यादा दबाव एमएसएमई पर है। मैंने टेक्निकल संस्थानों से कहा है कि इंडस्ट्री की जरूरत के अनुरूप आप ट्रेनिंग और रिसर्च पेपर छात्रों से करवाएं। आईआईटी संस्थान से भी कहा है कि प्रदेश से जुड़ी जरूरतों को रिसर्च करके हमें उनके अनुरूप गाइड करें। जिससे नए प्रोडक्ट लेकर आने वालों को आसानी हो। क्योंकि एमएसएमई वाले खुद रिसर्च नहीं कर सकते। उन्हें ऐसे रिसर्च से आने प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उद्योगपति खुद प्रदेश में आकर फैक्ट्री डालेंगे
मंत्री ने कहा कि 1977 में मैंने नोएडा में पहली फैक्ट्री शुरू की थी। मुझे इस क्षेत्र का काफी अनुभव है। प्रदेश में उद्योगपति खुद आकर अपनी फैक्ट्री डालेंगे, ये दिन जल्द ही आने वाले हैं। विकास का अंत नहीं होता। नई मांग आती रहेगी। हमारा दायित्व है कि उद्योगपतियों की जरूरतों को पूरा करें। मंत्री ने कहा कि हम छह महीने में प्रजेंटेशन ऑफ मप्र इंडस्ट्री ऑनलाइन बना लेंगे। जीएसटी को लेकर कहा कि मुश्किलों से जीवन जीना तो हर व्यक्ति का दायित्व है। मुश्किलें आती रहेंगी और हम आगे बढ़ते रहेंगे। हर प्राॅब्लम को चुनौती के रूप में लेना चाहिए।
मप्र में उद्योग के साथ प्रोडक्शन बढ़ा
मंत्री ने कहा कि मप्र में उद्योग लगने के साथ ही प्रोडक्शन भी बढ़ा है। अभी सबसे ज्यादा मौके आत्म निर्भर भारत में मिले हैं। चाइना के प्रति पहली बार कंज्यूमर की ओर से भी यह बात आई कि चाइना के मुकाबले दो-चार फीसदी ज्यादा पैसा भी देकर वे भारत का प्रोडक्ट खरीदेंगे। इस देश में काफी लंबे समय बाद यह मौका आया है। इस कारण हमें उम्मीद है लोकल इंडस्ट्री तेजी से ग्रोथ करेंगी। इंडस्ट्री को जरूरत के हिसाब से लोग मिलें, इसके लिए ट्रेनिंग सेंटर भी खोलने की तैयारी है।
2004 में ना तो बिजली थी ना ही सड़क
मंत्री ने कहा कि 2004 में जब मैं पहली बार विधायक बना तो एनर्जी पर भाषण देना था। तब यह बातें उठी थीं कि मप्र में इंडस्ट्री नहीं हैं। इस पर मैंने कहा था कि जब यहां बिजली और सड़क ही नहीं हैं तो इडस्ट्री कहां से आएंगी। आज हम उससे बहुत अच्छी स्थिति में हैं। 30 दिन में नई पॉलिसी बनाकर फिर से उद्योगपतियों से बात की जाएगी। बिजली को लेकर कहा कि इसके रेट कम होना चाहिए। जमीन की समस्या को लेकर भी तेजी से काम किया गया है। इंदौर में एक हजार एकड़ के करीब जमीन चिंहित कर ली गई है। हम एमएसएमई को डेवलप और अनडेवलप दोनों प्रकार की जमीन देंगे। ताकि दो साल में इंडस्ट्री लग जाए और प्रोडक्शन होने लगे। अभी हमें रोजगार की ज्यादा जरूरत है। हम पॉवर कॉस्ट भी कम करने की तैयारी में हैं। मंत्री ने कहा कि 168 करोड़ की जो सब्सिडी रुकी हुई है, उसमें से सवा से डेढ़ सौ करोड़ रुपए दो महीने में रिलीज कर दिए जाएंगे।
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