800 students took the exam on the first day of JEE Mains exam; The examiner said – Corona was afraid, but it was necessary to take the exam. | पहले दिन 800 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे; बोले- कोरोना से डर लग रहा था, लेकिन परीक्षा देना भी जरूरी था

800 students took the exam on the first day of JEE Mains exam; The examiner said – Corona was afraid, but it was necessary to take the exam. | पहले दिन 800 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे; बोले- कोरोना से डर लग रहा था, लेकिन परीक्षा देना भी जरूरी था


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भोपाल10 मिनट पहलेलेखक: सुमित पांडेय

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तस्वीर जेईई मेंस के परीक्षा केंद्र ट्रिनिटी कॉलेज की है। जहां पर कोरोना से सुरक्षा को देखते हुए परीक्षार्थियों को कतार में एक-एककर बाहर निकाला गया। भोपाल में जेईई परीक्षा चार केंद्रों पर कराई गई।

  • भोपाल में परीक्षा के लिए चार सेंटर बनाए गए थे, ट्रिनिटी कॉलेज में दो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं
  • परीक्षा केंद्र के बाहर अभिभावकों की भीड़, सुरक्षा गार्ड समझाते रहे दूरी बनाकर रहिए, किसी ने नहीं सुना

शाम के छह बजने वाले हैं। राजधानी के रायसेन बाईपास पर स्थित ट्रिनिटी कॉलेज के बाहर अभिभावकों की भीड़ जमा है। इसमें कुछ के चेहरे पर मास्क हैं, कुछ नहीं लगाए हैं। वह सेंटर के बाहर खड़े हैं और अपने दोपहिया वाहनों पर बैठे हैं। कॉलेज के बाहर इसलिए क्योंकि कोरोना की वजह से उन्हें परीक्षा केंद्र के अंदर नहीं घुसने दिया गया। अब उन्हें परीक्षा दे रहे अपनी बेटी-बेटा-भाई और दोस्त का बेचैनी से इंतजार है। थोड़ी देर बाद ही परीक्षार्थियों के बाहर आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। मंगलवार को परीक्षा होने के बाद परीक्षा केंद्र ट्रिनिटी कॉलेज के बाहर कुछ ऐसा ही नजारा था। भास्कर की रिपोर्ट…

तमाम शंकाओं और आशंकाओं के बाद आखिरकार जेईई मेंस की परीक्षाएं 1 सितंबर से शुरू हो गईं। 6 सितंबर तक आयोजित होने वाली जेईई की परीक्षाओं को लेकर भोपाल में चार सेंटर बनाए गए थे। इन 4 परीक्षा केंद्रों पर 800 परीक्षार्थियों ने पहले दिन परीक्षा दी। कोरोना को लेकर परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों में जो डर था, वह परीक्षा केंद्र पर जाने के बाद चला गया। शाम को 6:00 बजे त्रिनिटी कॉलेज के बाहर परीक्षार्थियों ने भास्कर से कहा कि कोरोना को लेकर डर लग रहा था, लेकिन परीक्षा देना भी जरूरी था।

परीक्षा केंद्र के बाहर अभिभावकों की भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं।

परीक्षा केंद्र के बाहर अभिभावकों की भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं।

विद्यार्थियों ने कहा कि कोरोना से सुरक्षा को लेकर परीक्षा केंद्र में पक्के इंतजाम किए गए थे। हमें दो-दो बार सैनिटाइज किया गया। हर एक विद्यार्थी को 1 मीटर की दूरी पर बिठाया गया था। एक क्लास में 10 परीक्षार्थियों को ही बिठाया गया। नए मास्क दिए गए, सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन कराया गया। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने और वहां से उनके घर तक ले जाने के लिए बसों का इंतजाम किया था, लेकिन परीक्षार्थियों ने बसों का उपयोग किया ही नहीं। वह अपने परिजनों के साथ परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे।

परीक्षा पूरी होने के बाद परीक्षार्थियों को एक-एक कर बाहर निकाला गया।

परीक्षा पूरी होने के बाद परीक्षार्थियों को एक-एक कर बाहर निकाला गया।

800 परीक्षार्थियों ने पहले दी परीक्षा दी

भोपाल में चार परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इसमें ट्रिनिटी कॉलेज में दो सेंटर जहां पर एक में 241 परीक्षार्थी, दूसरे में 369 परीक्षार्थी और सैम कॉलेज में 100 और आईईएस कॉलेज रातीबड़ में 90 परीक्षार्थी परीक्षा देने के लिए बैठे। परीक्षाएं इन्हीं केंद्रों में 6 सितंबर तक कराई जाएंगी।

परीक्षा केंद्र के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ीं
विद्यार्थियों के साथ पहुंचे अभिभावकों को किसी भी परीक्षा केंद्र के परिसर में अंदर आने की अनुमति नहीं दी गई इस वजह से विद्यार्थी उनके परिजन बाहर धूप में दिन भर इंतजार करते रहे। कोरोना को लेकर परीक्षा केंद्र के अंदर तो सोशल डिस्टेंसिंग रखी गई, लेकिन बाहर परीक्षार्थियों को लेने आए अभिभावक इसकी धज्जियां उड़ा रहे थे। वहां पर सुरक्षा गार्ड अभिभावकों को समझाते रहे कि दूरी बनाकर रखें, लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ।

ओल्ड सिटी भोपाल की आसना फरजीन।

ओल्ड सिटी भोपाल की आसना फरजीन।

कई लोगों का चांस मिस हो गया
ओल्ड सिटी भोपाल की आसना फरजीन ने बताया की कोरोना की वजह से डर जरूर लगा था, लेकिन पूरी सिक्योरिटी थी। और फिर एग्जाम देना भी जरूरी था। हालांकि इस डर से कई छात्र नहीं आ पाए, इसलिए उनका आईआईटी जेईई का एक चांस मिस गया है। ऐसे में अब उनके पास एक और चांस बचेगा। परीक्षा केंद्र में बैठने की सुरक्षित व्यवस्थाएं थीं।

सुभाष नगर निवासी देवेंद्र तेजवानी।

सुभाष नगर निवासी देवेंद्र तेजवानी।

एक मीटर की दूरी पर बिठाया गया
सुभाष नगर निवासी देवेंद्र तेजवानी ने बताया परीक्षा केंद्र में और उससे पहले करुणा से सिक्योरिटी के काफी इंतजाम किए गए थे कक्षा में हमें 1 मीटर के के फैसले के साथ बिठाया गया था। सारे प्रिकॉशंस वहां पर किए गए थे। पेपर देते समय डर नहीं लगा। हमें एक मीटर की दूरी पर बिठाया गया था।

निशातपुरा निवासी इंसा।

निशातपुरा निवासी इंसा।

दूसरे राज्यों को देखकर मांग की गई थी परीक्षा स्थगित करने की
निशातपुरा निवासी इंसा ने बताया की एग्जाम नहीं कराने को लेकर हम लोग चाहते थे कि पूरे देश में परीक्षाएं स्थगित हो जाएं। मध्यप्रदेश में तो कोरोना की स्थिति इतनी खराब नहीं है, लेकिन बिहार जैसे राज्यों में जहां पर बाढ़ भी आई हुई है। वहां का सोचकर हम चाहते थे कि परीक्षाएं आगे बढ़ जाएं, लेकिन अब जब हो गई हैं तो फिर ठीक है। अंदर फैसिलिटी अच्छी दी गईं, हमें नए मास्क दिए गए। दो बार सैनिटाइज किया गया। इनविजीलेटर भी दूर से ही बात कर रहे थे। उनके चेहरे पर भी मास्क लगा हुआ था।

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