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- Compensation Not Received, The Crops Have Sunk For The Third Year, Farmers Reached The Barrage, They Said, Empty Water, Give Our Land
झाबुआ19 घंटे पहले
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- इसका हल क्या: एक साल पहले से नपा ने 2.70 करोड़ मांगे, शासन पैसा दे या लोन
- 47 करोड़ की पेयजल योजना की डीपीआर में बैराज के डूब प्रभावितों का मुआवजा तय नहीं
शहर की 47 करोड़ की पेयजल योजना के लिए गांव धरमपुरी में बनाए गए 30 करोड़ के बैराज में लगातार तीसरे साल 3 गांवों के किसानों की फसल डूब गई। 134 किसानों के खेत डूब क्षेत्र में आ रहे हैं। कई किसान सोमवार को बैराज पर जमा हो गए और मुआवजे की मांग की। उन्होंने मांग रखी कि जब तक पैसा नहीं दे दिया जाता, बैराज को नहीं भरा जाए और सभी गेट हमेशा खुले रखे जाएं। अभी इसके 8 में से 2 गेट खुले हैं और बैराज क्षमता से आधे से ज्यादा भरा हुआ है। प्रशासन गेट तो बंद कर रहा है, लेकिन मुआवजे के लिए काम नहीं बढ़ रहा। एक साल पहले नगर पालिका ने 2 करोड़ 70 लाख की मांग की थी। पैसा नहीं मिला तो लोन लेने को भी तैयार हो गए, लेकिन ये भी नहीं मिला। मतलब ये कि इस बार भी मुआवजा मिलना मुश्किल है। ऐसा इसलिए हुआ : साल 2013-14 में पेयजल योजना की डीपीआर बनी थी। इसमें बैराज के लिए 30 करोड़ और फिल्टर प्लांट व पाइपलाइन के लिए 17 करोड़ रुपए का खर्च तय किया। लेकिन इसमें मुआवजे के लिए होने वाला खर्च शामिल करना रह गया। ये एक बड़ी चूक थी, जिसका खामियाजा किसान भी भुगत रहे हैं और झाबुआ शहर के लोग भी। बैराज बारिश के बाद खाली करना पड़ता है। ऐसे में नई पेयजल योजना का लाभ शहर को नहीं मिल रहा। ये 2017 में पूरा हो जाना था। 134 किसानों की 24 हेक्टेयर जमीन डूब चुकी है।
134 किसानों की 24 हेक्टयेर जमीन डूब चुकी है, पुलिया पर भरा 5 फीट पानी
ग्राम सेलमिया बड़ा की कीटिया हमीर डामोर की 10 बीघा जमीन, रमेश नाना की 10 बीघा, मुन्ना हमीर की 5 बीघा, मेवु सिलिया की 7 बीघा जमीन और एक कुआं, नानसिंह सुरतान की 5 बीघा, बामनसेलिया के सवेसिंह बादर मेड़ा की 7 बीघा जमीन और कुआं, भूरी पति सवेसिंह की 5 बीघा जमीन व कुआं, भीमा बादर की 4 बीघा, हिमराज बादर की 3 बीघा, रूपा बादर की 3 बीघा, रूपसिंह बादर की 3 बीघा, थावरिया बादर की 3 बीघा, रमेश चैनसिंह डामोर की 3 बीघा, दीता चैनसिंह की 3 बीघा और कन्ना पति बाबू भूरिया की 2 बीघा सहित 134 किसानों की 24 हेक्टयेर जमीन डूब चुकी है। वडलिया से बामनिया सेमलिया का रोड बंद हो गया। पुलिया पर करीब 5 फीट पानी भरा है।
इतने किसान, इतना मुआवजा
किसानों की 24 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा दिया जाना है। साल 2019 के नवंबर में मांग भेजी गई थी, अब तक फाइल भोपाल में नगरीय प्रशासन विभाग में अटकी है। मुआवजा राशि 2 करोड़ 70 लाख रुपए है। सीएमओ एलएस डोडिया ने बताया, हमने विभाग से कहा है कि लोन उपलब्ध करा दे। अभी नगरीय निकाय की ये स्थिति नहीं है कि पैसा हम चुका दें।
इस बीच एक अच्छी खबर, बची पाइपलाइन के लिए पैसा स्वीकृत
शहर की पेयजल योजना के लिए एक अच्छी खबर भी आई है। सरकार ने शहर में बचे हुए इलाकों में पाइपलाइन डालने के लिए 1 करोड़ 55 लाख रुपए की स्वीकृति दे दी है। पहले 23 किलोमीटर लाइन स्वीकृत हुई थी, इसमें से 20 किमी डल चुकी है। नए काम में 2 करोड़ के लगभग खर्च होंगे। अफसरों का कहना है, बाद में बजट रिवाइज हो जाएगा।
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