इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी
कोरोना संक्रमण (Corona virus) के कारण मध्य प्रदेश (MP) के स्कूल-कॉलेज मार्च से बंद हैं, जो 30 सितंबर तक बंद रहेंगे
जबलपुर हाईकोर्ट ने अपने आदेश में निजी स्कूलों को कोरोना संकट काल में केवल ट्यूशन फीस वसूलने के निर्देश दिए हैं और यह ट्यूशन फीस भी लॉकडाउन के पहले यानि पिछले सत्र में जो ट्यूशन फीस ली जाती थी उतनी ही ली जाए. निजी स्कूलों की ओर से कोरोना काल के बाद अन्य मदों की फीस भी वसूलने का हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है.निजी स्कूलों ने मांग की है कि जब कोरोना काल खत्म हो तब निजी स्कूल पूरे सत्र के अन्य मदों की फीस भी वसूल सकें,इसकी अनुमति उन्हें दी जाए. निजी स्कूलों के इस तर्क के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति उठाई. जिस पर हाईकोर्ट ने 10 सितंबर को अगली सुनवाई नियत की है.
अगली सुनवाई 10 सितंबर कोनिजी स्कूल संचालक लॉक डाउन और कोरोना संकट के दौरान स्कूल बंद रहने के बावजूद पूरी फीस लेना चाहते थे. इसके पीछे हवाला ये दिया गया कि लॉकडाउन में भी बच्चों की ऑनलाइन क्लास लगायी गयी हैं, इसलिए फीस भी पूरी ली जाएगी. निजी स्कूलों के इस रवैए के विरोध में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थीं, जिसपर सुनवाई के बाद फिलहाल अंतरिम फैसला कोर्ट ने दिया है. मामले में अगली सुनवाई 10 सितंबर को होनी है. इस दिन मामले में विस्तृत आदेश जारी होने की उम्मीद है.कोरोना संक्रमण के कारण मध्य प्रदेश के स्कूल-कॉलेज मार्च से बंद हैं, जो 30 सितंबर तक बंद रहेंगे.