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- Bhopal Construction Of Arch Bridge; Municipal Corporation Filed FIR Against Gufran, Sajid Ali Including 25
भोपाल15 मिनट पहले
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भोपाल में आर्च ब्रिज के निर्माण में बाधा डालने पर पूर्व पार्षद शाबिस्ता जकी समेत 28 लोगों पर श्यामला हिल्स थाने में केस दर्ज किया गया है।
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कराया जा रहा है किलोल पार्क से गिन्नौरी तक आर्च ब्रिज का निर्माण
- नगर निगम ने श्यामला हिल थाने में दर्ज कराया केस, मंगलवार को भी धरने पर बैठी थीं पूर्व पार्षद
शहर के धोबी घाट पर निर्माणाधीन आर्च ब्रिज पर स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों के साथ गाली-गलौज और सरकारी काम में बाधा डालने पर पूर्व पार्षद शाबिस्ता ज़की, गुफरान बंद और साजिद अली के साथ ही 25 अन्य पर नगर निगम ने केस दर्ज कराया गया है। बुधवार को सुबह पूर्व पार्षद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के निर्माणाधीन आर्च ब्रिज के काम को रुकवाने के लिए धोबी घाट पहुंच गईं। उन्होंने नगर निगम कर्मचारियों और मजदूरों को धमकाकर काम रुकवा दिया।

आर्च ब्रिज।
काम रुकने के बाद स्मार्ट सिटी के इंजीनियर लौट गए और उन्होंने मामले की शिकायत स्मार्ट सिटी के चीफ इंजीनियर ओपी भारद्वाज से की। चीफ इंजीनियर ने पूर्व पार्षद समेत 28 लोगों पर श्यामला हिल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। कांग्रेस की पूर्व पार्षद शाबिस्ता जकी पर आरोप है कि उन्होंने निगम कर्मियों से मारपीट की और सरकारी कार्य में बाधा डाली। शाबिस्ता जकी आर्च ब्रिज के निर्माण को लेकर लगातार नगर निगम का विरोध कर रही हैं। मंगलवार को भी शाबिस्ता जकी आर्च ब्रिज के पास अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गई थीं। बता दें कि भोपाल के छोटे तालाब पर बन रहे आर्च ब्रिज को लेकर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है। इस ब्रिज को किलोल पार्क से गिन्नौरी इलाके को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है।

स्मार्ट सिटी के इंजीनियर और कर्मचारी वहां पहुंचे हैं।
किलोल पार्क से गिन्नौरी इलाके को जोड़ेगा आर्च ब्रिज
मंगलवार को कांग्रेस की पूर्व पार्षद साबिस्ता जकी ब्रिज के लिए बनने वाले एप्रोच रोड का विरोध करते हुए धरने पर बैठ गईं। साबिस्ता ने कहा कि बच्चों के कब्रिस्तान पर रोड नहीं बनने दी जाएगी। करीब 39 करोड़ की लागत के 150 मीटर लंबे ब्रिज का करीब 80% निर्माण पूरा हो चुका है। लेकिन ब्रिज की एप्रोच रोड को लेकर गतिरोध बरकरार है। एप्रोच रोड पर तीन मकान आ रहे हैं। नगर निगम अमला इन्हें जब भी हटाने की कोशिश करता है तो विरोध के कारण लौटना पड़ता है। इसी जगह पर सालभर पहले भाजपा के तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा भी धरने पर बैठे थे। तब उनकी मांग थी कि यहां मूर्ति की जल्द स्थापना हो। काम भी तेजी से किया जाए।
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