इंदौर31 मिनट पहले
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जेलर केके कुलश्रेष्ठ औऱ हनीट्रैप की आरोपी श्वेता विजय जैन के बीच हो रही बातचीत का फोटो।
- हनीट्रैप की आरोपी श्वेता विजय जैन के साथ महिला कैदी वार्ड में बात करते हुए जेलर केके कुलश्रेष्ठ का फोटो सामने आया है
- जेल में तीन दिन में 50 बंदी संक्रमित होने की भी व्यवस्था देखेंगे अफसर, आखिर एकाएक कैसे हो रहे है इतने पॉजिटिव
जिला जेल के जेलर और हनीट्रैप की आरोपी के साथ का एक फोटो सामने आने से हड़कंप मच गया है।फोटो की जानकारी भोपाल स्थित मुख्यालय पहुंच गई है, जिसकी जांच करने के लिए डीआईजी इंदौर आ गए हैं। वे पता करेंगे कि आखिर ये फोटो किन परिस्थितयों में और क्यों वायरल किया गया है। कुछ दिन पहले इन्हीं बंदियों को पैरोल के लिए पत्र लिखने पर जिला जेल की अक्षीधक अदिति चतुर्वेदी का ट्रांसफर कर दिया गया था। वहीं, जिला जेल में तीन दिन में 50 से ज्यादा बंदी व स्टाफ कोरोना पॉजिटिव आने से मामला गर्माया हुआ है।
जिला जेल के जेलर केके कुलश्रेष्ठ औऱ हनीट्रैप की आरोपी श्वेता विजय जैन के बीच हो रही बातचीत के दो फोटो किसी जेलकर्मी ने वायरल कर दिए हैं। ये फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ भोपाल जेल मुख्यालय भी भेज दिया गया है। इसमें बताया जा रहा है कि कुलश्रेष्ठ ने जेल मैन्युअल को नजर अंदाज करते हुए श्वेता से गुफ्तगू की है। नियमानुसार कोई पुरुष अधिकारी महिला वार्ड में महिला कैदी से अकेले बात नहीं कर सकता है। आरोप लगाया जा रहा है कि पहले भी कुलश्रेष्ठ के महिला वार्ड में जाकर बतियाने की शिकायत विधानसभा में हो चुकी है। इसके पीछे बताया जा रहा है कि उन्हें वीआईपी सुविधा दी जाने की बात की जा रही है।
महिला कैदी वार्ड के सामने का है फोटो
जो फोटो है वह महिला कैदी वार्ड के बाहर का है। वहां पर कुलश्रेष्ठ कुर्सी पर बैठे हैं औऱ श्वेता खड़ी होकर बात कर रही है। दोनों के बीच क्या बात हुई है यह नहीं पता चली है, लेकिन फोटो चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि ये कहां तक सही है इसकी जांच के लिए डीआईजी संजय पांडे खुद बुधवार को इंदौर पहुंचे हैं। वे गुरुवार को इसकी जांच करेंगे। पांडे का कहना है कि जेल अधिकारी सक्षम होता है कि वे महिला कैदी से बात करे। जहां तक साथी महिला अफसर की बात है तो महिला वार्ड में कोई न कोई महिला साथ में जरूर होती है। यह फोटो क्यों और किन परिस्थितियों में वायरल किया गया है, यह जांच का विषय है। इसमें वायरल करने वाले की क्या मंशा है यह भी पता करेंगे।
कोरोना को लेकर भी जांच करेंगे
उधर, बताया जा रहा है कि जिला जेल में तीन दिन के भीतर 50 से ज्यादा बंदी व स्टाफ के लोग पॉजिटिव निकलने से माहौल गर्माया हुआ है। बंदियों के परिजन का कहना है कि उन्हें कोरोना काल तक रिहा कर दिया जाए, क्योंकि जेल अब सुरक्षित नहीं बची है। इसको लेकर भी डीआईजी पांडे जिला जेल की व्यवस्था देखेंगे।
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