मध्य प्रदेश में तेज बारिश के दौरान पुल बह गया था.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आई बाढ़ के दौरान सिवनी में बहे भ्रष्टाचार के पुल के मामले में अब कार्रवाई हुई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के आदेश पर जांच की जा रही है.
इस पूरे मामले को सीएम शिवराज ने गम्भीरता से लेते हुए नाराज़गी जाहिर की थी. सीएम हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम शिवराज ने पत्रकारों से कहा था कि मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जांच के आदेश देने के अगले ही दिन दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया. प्राधिकरण अब बिल्डर के लेवल पर हुई अनियमितता को लेकर भी जांच कर रहा है दोषी पाए जाने पर बिल्डर के खिलाफ ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई की जा सकती है.
दो और पुल बहे
29 और 30 अगस्त को आई बाढ़ के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से बनाए गए 2012 और 2016 के करीब 10 करोड रुपए की लागत से बने दो पुल भी बह गए थे. सिवनी जिले के केवलारी पलारी भीमगढ़ मार्ग पर बेनगंगा पर 2012 में करीब साढे़ 5 करोड़ रुपए से बने पुल का एक हिस्सा बह गया था. हालांकि, इस पुल की परफॉर्मेंस गारंटी 27 नवंबर 2015 को खत्म हो गई इसी तरह छिंदवाड़ा के साख से हलाल खुर्द मार्ग में पेंच नदी पर 2016 में 25 मीटर ऊंचे और 200 मीटर लंबा पुल बह गया. इसे बनाने का काम जबलपुर के एक ठेकेदार को दिया गया था, लेकिन चार स्लैब का काम पूरा होने के दौरान ठेकेदार का निधन हो गया. लिहाजा इसे बाद में रायपुर की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पूरा किया है. इस पुल की परफॉर्मेंस गारंटी 1 जनवरी 2019 को खत्म हो चुकी है.क्या इन पर भी होगी कार्रवाई?
29 और 30 अगस्त को प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा बाढ़ की चपेट में घिर गया था. इस दौरान केवल पुल गिरने की ही नहीं, बल्कि कई जगह सड़कें उखड़ ने और पुलिया के टूटने की भी खबरें सामने आई हैं. माना जा रहा है कि इनमें भी गुणवत्ता के लिहाज से भ्रष्टाचार हुआ है. इस संबंध में जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया गया था तो उनका कहना था कि अगर सड़कों की गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो फिर उस मामले में भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.