प्रदेश कार्यकारिणी में जो पांच महामंत्री बनाए गए हैं, उनके ज़रिए जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की गई है
प्रदेश महामंत्री (General Secretaries) पद पर जो 5 नाम अभी तय किए गए हैं उनमें से सिंधिया (Scindia) समर्थक एक भी नाम नहीं है. ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या आने वाले वक्त में प्रदेश कार्यकारिणी के बाकी पदों पर सिंधिया समर्थक चेहरों को जगह मिलेगी
प्रदेश कार्यकारिणी में जो पांच महामंत्री बनाए गए हैं, उनके ज़रिए जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की गई है. रणवीर रावत मौजूदा वक्त में किसान मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी माने जाते हैं.वही हरिशंकर खटीक बुंदेलखंड क्षेत्र से आते हैं और विधायक हैं. जबकि शरतेन्दु तिवारी विंध्य से आते हैं और कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह को हराकर विधायक बने थे. भगवानदास सबनानी बीजेपी के पुराने बड़े नेता और उमा भारती के करीबी माने जाते थे.जबकि कविता पाटीदार मालवा से आती हैं.
बाकी टीम का ऐलान कब ?
प्रदेश कार्यकारिणी यानी टीम वी डी शर्मा में अभी केवल प्रदेश महामंत्री के नामों का ही ऐलान किया गया है. बाकी पदों पर नियुक्तियां होना बाकी है. ऐसे में अब अटकलें इस बात को लेकर लगाई जा रही हैं कि बाकी के नाम कब सामने आएंगे. कार्यकारिणी के मुताबिक संगठन में उपाध्यक्ष के 10 और प्रदेश मंत्री के 9 पद हैं. इन पदों के लिए भी जल्द ही नामों का ऐलान किया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश मीडिया प्रभारी, सह मीडिया प्रभारी, मुख्य प्रवक्ता और प्रवक्ता के पदों पर नयी नियुक्ति की जाना हैं.
सिंधिया खेमे को जगह मिलेगी ?
प्रदेश महामंत्री पद पर जो 5 नाम अभी तय किए गए हैं उनमें से सिंधिया समर्थक एक भी नाम नहीं है. ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या आने वाले वक्त में प्रदेश कार्यकारिणी के बाकी पदों पर सिंधिया समर्थक चेहरों को जगह मिलेगी या नहीं ? विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका ना मिले लिहाजा ऐसे में यह माना जा रहा है कि हो सकता है प्रदेश कार्यकारिणी के बाकी नाम उपचुनाव के बाद घोषित किए जाएं.