नई दिल्ली: क्रिकेट को जेंटलमैन का गेम कहा जाता है. लेकिन इस खेल में कभी-कभी ऐसे मौके आ जाते हैं, जब इस गेम से जुड़े खिलाड़ी या अन्य सदस्य आत्महत्या करने की कगार पर जाते हैं. अनेकों क्रिकेटर ने इस बात का खुलासा किया है, कि उनके जीवन में चोट या मैच हारने की वजह से सुसाइड करने का ख्याल आया था. इस बीच इंग्लैंड के अंडर-19 के पूर्व कप्तान अजीम रफीक ने एक ऐसी वजह का खुलासा किया है, जिसके कारण वह कांउटी क्रिकेट टीम यॉर्कशर की तरफ से खेलते वक्त मौत को गले लगाना चाहते थे.
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नस्लवाद की वजह से खुदकुशी का ख्याल आया-अजीम रफीक
गौरतलब है कि अजीम रफीक (Azeem Rafiq) ने हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में इस बात की पुष्टि कि है जब वह कांउटी टीम यार्कशर हुआ करते थे, तो उस दौरान उन्हें नस्लवाद (Racism) का सामना करना पड़ता था. रफीक ने दावा करते हुए क्लब पर साफतौर पर नस्लवादी होने का आरोप लगाया. दरअसल रफीक ने कहा है कि मैं जानता हूं कि यार्कशर में खेलने के दौरान आत्महत्या करने के कितने करीब था, मैं अपने परिवार से योग्य क्रिकेटर के सपने को साकार करने में लगा हुआ था, लेकिन अंदर से मैं मर रहा था.
29 साल के अजीफ ने यह भी बताया कि स्टाफ में कोई कोच नहीं था जो इस बात को समझ सकता कि मुझे कैसा महसूस होता था. मेरा मानना है कि क्लब संस्थागत नस्लवादी है और मुझे नहीं लगता कि वे इस तथ्य को मानने के लिये तैयार हैं या फिर इसमें बदलाव के इच्छुक हैं. साथ ही अजीम रफीक ने यह भी बताया कि कांउटी टीम यार्कशायर में उनके साथ एक आउट साइडर की तरह व्यवहार किया जाता था.
अजीम रफीक के क्लब से निकालने के वजह हैरान करने वाली
फिरकी गेंदबाज अजीम रफीक ने कांउटी टीम यार्कशर से बाहर किए जाने के लिए एक चौंकाने वाली वजह बताई है. दरअसल कांउटी टीम यार्कशर कल्ब ने रफीक को उनके मृत पैदा हुए बेटे की मौत का हवाला देते हुए क्लब से रिलीज कर दिया. इसकी जानकारी मुझे क्लब ने महज एक ई-मेल की जरिए दी. बेटे के गम में मुझे लगा कि इस मुश्किल घड़ी में क्लब मेरे साथ खड़ा रहेगा, लेकिन वह ऐसा करने में असर्मथ रहा.
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