IPL2020: Kings XI Punjab Owner Nesh Wadiya feared about corona virus in this season | IPL 2020: पंजाब के मालिक ने कही टूर्नामेंट में कोरोना वायरस को लेकर ये बड़ी बात

IPL2020: Kings XI Punjab Owner Nesh Wadiya feared about corona virus in this season | IPL 2020: पंजाब के मालिक ने कही टूर्नामेंट में कोरोना वायरस को लेकर ये बड़ी बात


नई दिल्ली: किंग्स इलेवन पंजाब (Kings XI Punjab) के सह मालिक नेस वाडिया (Ness Wadiya) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वें सीजन के दौरान कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर एक बड़ी बात कही है. दरअसल वाडिया लीग की एसओपी में थोड़े बदलाव के इच्छुक नजर आए. 

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उनका मानना है कि यूएई पहुंचे खिलाड़ियों के कोरोना पॉजिटिव पाया जाना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन खिलाड़ियों के करीब तक पहुंचने वाले लोगों पर अंकुश होना चाहिए और केवल उन्हीं लोगों को टीमों के ‘बायो बबल’ में जाने की इजाजत मिलनी चाहिए, जिनका जाना सही में जरूरी है.

दरअसल सीएसके के क्रिकेटर्स के पॉजिटिव पाए जाने पर की थी टिप्पणी
दरअसल नेस वाडिया से चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) टीम के दो खिलाड़ियों सहित 13 सदस्यों के पिछले हफ्ते कोरोना पॉजिटिव पाए जाने को लेकर पूछा गया था. सीएसके टीम के महामारी पीड़ित होने की बात सामने आने के बाद हंगामा मच गया था और इस बार संयुक्त अरब अमीरात में कराई जा रही लीग के रद्द होने की संभावना बन गई थी. लेकिन वाडिया का कहना है कि चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम में सामने आए कोविड-19 पॉजिटिव मामले के मामले लीग की आठ में से किसी भी फ्रेंचाइजी में आ सकते थे. 

वाडिया ने कहा, “सीएसके की घटना ने हमें बताया कि यह किसी के साथ भी हो सकता है. सभी एहतियात बरती जा रही हैं. इसके बावजूद ऐसा होने के कारण हमें बायो-बबल प्रोटोकॉल का और ज्यादा अच्छी तरह सख्ती से पालन करना चाहिए. हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि केवल वे लोग ही बायो बबल में का हिस्सा हों, जिनका खिलाड़ियों के साथ होना सचमुच जरूरी है.”

टीम मालिकों पर नहीं बोले कुछ
वाडिया ने टीम मालिकों के खिलाड़ियों से मिलने को लेकर कुछ नहीं कहा. दरअसल लीग में तमाम तरह के प्रतिबंध के बावजूद टीमों के सीईओ और मालिकों को भी टीम बायो बबल में प्रवेश की अनुमति है. लेकिन इनमें से ज्यादातर अभी तक यूएई नहीं पहुंचे हैं. हालांकि उन्हें भी मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के कारण यूएई पहुंचने पर सात दिन के क्वारंटीन में जाना पड़ सकता है. लेकिन इसके बाद भी उनकी बार-बार बायो बबल से बाहर आवाजाही पूरे सिस्टम को बिगाड़ सकती है.

 इसके अलावा फ्रेंचाइजी के गैर खिलाड़ी और गैर कोचिंग स्टाफ में टीम परिचालन प्रबंधक और सोशल मीडिया विशेषज्ञ भी शामिल हैं, जो क्रिकेटर्स तक जाते रहते हैं. फोटो शूट के दौरान क्रिकेटर्स को मार्केंटिंग स्टाफ के साथ भी समय बिताना पड़ता है, जो 19 सितंबर से शुरू हो रही लीग के साथ-साथ ही चलेंगे. बीसीसीआई एसओपी के अनुसार, ‘टीमों के बाहर के स्टाफ की संख्या, सहयोगी स्टाफ और मैच अधिकारियों की संख्या को न्यूनतम तक सीमित रखना चाहिए.’

अपने यूएई जाने पर नहीं लिया है फैसला
वाडिया खुद अभी भारत में हीं मौजूद हैं और यूएई के लिए रवाना नहीं हुए हैं. जब वाडिया से पूछा गया कि वे टूर्नामेंट के लिए यूएई जाएंगे या नहीं तो उन्होंने कहा, ‘मैंने अभी फैसला नहीं किया है, लेकिन मैं सामान्य रूप से ज्यादा खिलाड़ियों से बातचीत नहीं करता. मैंने अभी तक चीफ कोच अनिल कुंबले (Anil Kumble) से ही दो बार बात की है कि क्या चल रहा है.’ उन्होंने कहा, “मैं जूम या अन्य किसी ऑनलाइन मंच पर बात करने में ज्यादा सहज हूं.”

यूरोपीय फुटबॉल लीग का दिया उदाहरण
वाडिया ने कहा कि सीएसके में पॉजिटिव मामले आने से चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि यूरोपीय फुटबॉल लीग प्रतियोगिता के भी दोबारा चालू होने के बाद कोविड-19 के पॉजिटिव मामले सामने आए थे. यहां तक कि एनबीए खिलाड़ी भी कोविड-19 पॉजिटिव आए हैं. उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रोटोकॉल लगाई है. अगर आप फुटबॉल लीग को देखो तो शुरू में मामले सामने आए और फिर सबसे ज्यादा एहतियात बरती गई. मुझे नहीं लगता कि लोगों को बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत है. जैसे हम आगे बढ़ेंगे चीजें बेहतर होंगी.’





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