Buses will run after five months and 13 days from today, bus owners ready after agreeing on tax waiver | पांच महीने 13 दिन बाद आज से चलेगी बसें, टैक्स माफी पर सहमति के बाद तैयार हुए बस मालिक

Buses will run after five months and 13 days from today, bus owners ready after agreeing on tax waiver | पांच महीने 13 दिन बाद आज से चलेगी बसें, टैक्स माफी पर सहमति के बाद तैयार हुए बस मालिक


झाबुआ4 घंटे पहले

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  • शुरुआत में कम बसें चलेंगी, एक-एक कर सारी गाड़ियां रूट पर उतारेंगे बस संचालक

बसों का संचालन फिर से शुरू होगा। मध्यप्रदेश बस ऑनर्स एसोसिएशन ने शनिवार से प्रदेश में बसों का संचालन शुरू करने के लिए कह दिया है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार अगस्त तक पूरा और सितंबर का आधा टैक्स माफ करने को तैयार हो गई है। किराया बढ़ाने को लेकर एक-दो दिन में निर्णय हो जाएगा। हालांकि जिले में सभी बसें चलने में कुछ दिन लग सकते हैं। बस मालिकों का कहना है, 5-6 महीने से बसें खड़ी-खड़ी जाम हो गई। पहले उन्हें सुधरवाना पड़ेगा। ये भी देखना होगा कि सवारियां कितनी मिलती है। श्राद्धपक्ष चल रहा है। इस दौरान सवारियां कम मिलती है। लोग वैसे भी कोरोना के कारण आने-जाने से डरे हुए हैं। बसों को पूरी क्षमता से चलाने की अनुमति 1 अगस्त से दी जा चुकी है। लेकिन टैक्स माफी और किराया बढ़ाने की मांग को लेकर अड़े बस संचालकों ने बसें नहीं चलाई। पहले जब सरकार ने आधी सवारियों की शर्त रखी थी तो बस संचालक इस आधार पर किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे। लेकिन अब जब पूरी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दी जा रही है तब भी इस पर अड़े हैं। मध्यप्रदेश बस ऑनर्स एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष संतोष पांडेय ने बताया, 2018 में जब आखिरी बार किराया निर्धारण हुआ था, तब से अब तक डीजल 20-25 रुपए महंगा हो गया। हमने 40% किराया बढ़ाने की मांग की है।

बसें न चलने से ड्राइवर कंडक्टर के साथ ही बस मालिक भी परेशान थे। उन्होंने दूसरा धंधा शुरू कर लिया था। झाबुआ से रतलाम के बीच चलने वाली छंगा बस सर्विस काफी पुरानी है। मालिक शाहरुख बागवान के पास एक ही बस है। 4 महीने से बंद पड़ी है। लॉकडाउन में कुछ दिनों तक शाहरुख ने इंतजार किया और बसें शुरू नहीं हुई तो केले का ठेला लगा लिया। शाहरुख ने बताया, जब तक बस नहीं चलती, इसी से गुजारा चल रहा है। आमदनी कम जरूर है, लेकिन मैं बस वाले अपने साथियों की मांग के समर्थन में हूं। टैक्स माफी और किराया बढ़ाने की हमारी मांग जायज है।

नहीं चलाई तो ये कर सकते हैं अफसर
बस के लिए परमिट जारी होने के बाद उस पर बस का संचालन जरूरी है। इसे परमिट शर्तों में शामिल किया है। 1 अगस्त से बसें चलाने के लिए सरकार ने कहा था, लेकिन बस संचालक नहीं माने। अब बात लंबी खिंची तो सरकार परिवहन विभाग को ये अधिकार है कि बसें नहीं चलने वाले रूट का परमिट किसी और को दे दे।

एक-दो दिन और लगेंगे
बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश मेवाड़ा ने बताया, प्रदेश स्तर पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों से सरकारी अफसरों की चर्चा हुई है। बसें चलाने पर सहमति बनी तो भी रविवार या सोमवार से संचालन शुरू कर पाएंगे। बस संचालक मनीष जैन ने बताया, किराया बढ़ाना जरूरी है। अभी सरकारी सब्सिडी वाली कंपनियां बसें चला सकती हैं। वो चलाएंगे तो हमें भी मजबूरी में चलाना पड़ेगी।

ये छूट पहले ही दी जा चुकी
बस संचालकों को राहत देने के लिए सरकार ने टैक्स जमा करने की तारीख भी 31 अगस्त से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है। इसके अलावा 1 फरवरी तक खत्म हो रहे परमिट, फिटनेस सहित दूसरे जरूरी सर्टिफिकेट को 31 दिसंबर तक के लिए मान्य कर दिया है।

डीजल की कीमत बढ़ी तो है
22 मार्च से लॉकडाउन की शुरुआत हुई और तब से ही बसों का संचालन बंद है। झाबुआ शहर में 21 मार्च को डीजल का दाम 69.02 रुपए प्रति लीटर था, जो अब 81.88 रुपए हो गया। यानि 12.86 रुपए प्रति लीटर बढ़ गया।
विभाग ने काफी छूट दी है
परिवहन विभाग पहले ही एकमुश्त टैक्स जमा करने की तारीख बढ़ा चुका है। इसमें काफी सारी छूट भी दी जा रही है। कई सारे दूसरे प्रावधान भी किए हैं। बसें नहीं चलने से आम जनता परेशान हो रही है। आगे जैसा निर्देश विभाग से मिलेगा, हम काम करेंगे।
राजेश कुमार गुप्ता, आरटीओ,

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