जबलपुर11 मिनट पहले
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मंडला और बालाघाट में हुए चावल घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू जबलपुर की टीम को सौंपी गई है। इसकी पुष्टि जबलपुर प्रकोष्ठ डीएसपी राजवर्धन माहेश्वरी ने की है। श्री माहेश्वरी ने बताया कि जांच के बाद दोषियों पर अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बालाघाट और मंडला जिले में पीडीएस और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को पोल्ट्री ग्रेड का चावल बांट दिया गया है। इसका खुलासा केंद्र की उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की टीम की जांच के बाद हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ईओडब्ल्यू को जांच के निर्देश दिए। मामले में बालाघाट और मंडला के लिए अलग-अलग प्रकरण दर्ज हुए हैं। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के मुताबिक, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिला बालाघाट और मंडला में वितरित निम्न मानक के चावल, कस्टम मिलिंग के नियमों में अनियमितता बरतने, शासन से अनुबंध की शर्तो का उल्लंघन करने, मिलावट आदि पर विस्तृत जांच के लिए प्राथमिक प्रकरण दर्ज हुआ है। खबर है कि ईओडब्ल्यू की एक टीम बालाघाट भी पहुंच चुकी है। शेष|पेज 10 पर
बालाघाट – सक्षम अधिकारी ही नहीं
केन्द्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय की टीम ने मंडला और बालाघाट में राशन के चावल की सैम्पलिंग के बाद दोनों जिलों की 32 राइस मिलर्स की मिलों को सील कर दिया। सूत्रों का कहना है कि दोनों जिलों में अब तक हुई कार्रवाई और जांच केवल उन मिलर्स एवं गोदामों तक सीमित है, जिनका उल्लेख केन्द्रीय जांच में आया था। राज्य सरकार ने एफसीआई की अगुवाई में 50 जांच दल बनाए हैं, जो प्रदेश में सरकारी गोदामों में रखे अनाज की जांच करेंगे। बालाघाट में भी कथित तीन गोदामों को छोड़ शेष गोदामों की जांच होना बाकी है। खास बात यह भी है कि मंडला व बालाघाट जिले में इसके लिए अभी विभाग में कोई सक्षम अधिकारी नहीं है। कार्रवाई के बाद दोनों ही जिलों में पद रिक्त हैं।
सिवनी के 9 मिलर्स को डीएम ने किया तलब
सिवनी | सागर के कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी ने सिवनी के उन 9 मिलर्स को तलब किया है, जिन्होंने 3596 मेट्रिक टन बदबूदार अमानक चावल सप्लाई किए। इन्हें सागर कलेक्टर कोर्ट में 9 सितंबर तक जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। इनमें सिवनी जिले के श्यामबाबा राइस मिल, सदभावना राइस मिल, गुरुकृपा राइस मिल, श्री राइस मिल, सत्यम ट्रेडर्स गंगेरुआ, लक्ष्मी राइस मिल बोरीकला, किसार राइस मिल बदलापर, मयंक राइस मिल धारना व प्रेम राइस मिल शामिल हैं।
नहीं आई जांच रिपोर्ट
केन्द्र के निर्देश पर प्रदेश शासन ने सिवनी सहित कई जिलों में सैंपलिंग कराई है। सिवनी से 30 स्टेक के 30 सैंपल लिए गए हैं। सैंपल लेने के लिए यहां राज्य स्तरीय टीम पहुंची थी, जिसने 4 दिन पहले ही सैंपल लिए हैं। अभी सैंपल की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
सागर में भी आया 35 सौ टन घटिया चावल
सागर। घटिया चावल घोटाले से सागर भी अछूता नहीं रहा है। 10 दिन पूर्व सागर में 35 सौ टन चावल रेलवे के माध्यम से सागर आया, जो नागरिक आपूर्ति निगम की गोदामों में रखा गया है। इस चावल की आपूर्ति नियंत्रक राजेंद्र वायकर ने स्वयं चैकिंग की, जिसमें बड़ी मात्रा में चावल गीला, खुला हुआ पाया गया। एक हजार से 1500 बोरी आधी-अधूरी भरी थी। 20 से 40 प्रतिशत डिसकलर है और टूटा हुआ चावल है। 600 क्विंटल लूज पड़ा है। उन्होंने बताया कि इस चावल की आपूर्ति रोक दिया गया है।
पीडीएस दुकानों से अमानक चावल की आपूर्ति की आशंका को रोकने के लिए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के निर्देश पर जिले की 9 गोदामों में छापामार कार्यवाही की गई। सभी एसडीएम ने अपने क्षेत्रों के गोदामों में रखे चावल के स्टॉक की जाँच की और यहाँ से सैंपल लिये। एसडीएम ने गोदामों को सील भी कर दिया है, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो सके। कृषि उपज मंडी स्थित राज्य भण्डार गृह निगम के तीन गोदामों की जाँच संयुक्त कलेक्टर नम: शिवाय अरजरिया के नेतृत्व में की गई। इसी तरह रोशनी वेयर हाउस, मंगलम वेयर हाउस पाटन में एसडीएम आशीष पांडे, एलएंडडी वेयरहाउस भेड़ाघाट में एसडीएम गोरखपुर मणिन्द्र सिंह, एसडब्ल्यूसी वेयरहाउस रिछाई में एसडीएम रांझी दिव्या अवस्थी, गौरव वेयर हाउस शहपुरा में एसडीएम अनुराग तिवारी, एसडब्ल्यूसी बाबाताल में सिहोरा एसडीएम ने गोदामों को जाँच कर सील कर दिया है।
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