Lokayukta Red: Mineral Officer Pradeep Khanna suspended | लोकायुक्त छापे में करोड़ों की संपत्ति का खुलासा होने के बाद गिरी गाज, अब तक की नौकरी में 6 बार हो चुके हैं सस्पेंड

Lokayukta Red: Mineral Officer Pradeep Khanna suspended | लोकायुक्त छापे में करोड़ों की संपत्ति का खुलासा होने के बाद गिरी गाज, अब तक की नौकरी में 6 बार हो चुके हैं सस्पेंड


इंदौर8 मिनट पहले

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खन्ना की इंदौर, भोपाल की सभी संपत्ति मिलाकर आंकड़ा 3.50 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकता है।

  • जिला खनिज अधिकारी रहे प्रदीप खन्ना को सस्पेंड करने के लिए लोकायुक्त पुलिस ने विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा था
  • लोकायुक्त पुलिस ने जिला खनिज अधिकारी खन्ना के इंदौर-भोपाल स्थित ठिकानों पर छापा मारकर 9 लाख कैश जब्त किया था

लोकायुक्त छापे में करोड़ों की संपत्ति का खुलासा होने के बाद आखिरकार खनिज विभाग ने जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना को शनिवार को निलंबित कर दिया गया। आदेश में अवर सचिव राजेश कुमार कौल ने लिखा है कि खन्ना के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्द किया गया है और आरोप गंभीर प्रकृति के होने से उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि के दौरान ‌उन्हें संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म क्षेत्रीय कार्यालय रीवा में अटैच किया गया है। खन्ना अपनी पूरी नौकरी में छठवीं बार निलंबित हुए हैं।

1 अगस्त को दी थी दबिश

लोकायुक्त पुलिस ने जिला खनिज अधिकारी रहे प्रदीप खन्ना के इंदौर और भोपाल स्थित ठिकानों पर छापा मारकर करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति का खुलासा किया है। भोपाल स्थित घर से नौ लाख रुपए कैश, बायपास स्थित टाउनशिप में दो करोड़ से अधिक कीमत का बंगला, प्लाॅट, पटेल नगर में फ्लैट का खुलासा हुआ था।

यह मिला था

  • नायता मुंडला स्थित माउंटबर्ग कॉलोनी में नवनिर्मित तीन मंजिल भवन।
  • इसी बंगले के बाजू में एक 1500 वर्ग फीट का प्लाॅट।
  • पटेल नगर स्थित पटेल-टावर में एक फ्लैट जिसका उपयोग प्रदीप खन्ना के परिवारजनों द्वारा किया जा रहा है।
  • भोपाल में गौतम नगर में एक मकान जिसका उपयोग प्रदीप खन्ना द्वारा स्वयं के निवास के रूप में किया जा रहा है।
  • 2 कार तथा 2 बाइक के अलावा 9 लाख से अधिक की नकदी।
  • 13 लाख के स्वर्ण आभूषण और एक लाख के चांदी के आभूषण।
  • 6 बैंक अकाउंट संबंधी दस्तावेज।

34 साल की नौकरी, 15 साल सामान्य बीते

निरीक्षक विजय चौधरी के मुताबिक खन्ना की नियुक्ति 1986 में तृतीय श्रेणी कर्मचारी के रूप में हुई थी। 2001 में इसे प्रमोशन मिला। फिर यह खनिज अधिकारी बना। तभी से पद का दुरुपयोग कर काली कमाई खड़ी करना शुरू की। 34 साल की नौकरी में वेतन से कमाई 75 लाख रुपए बनती है, लेकिन प्रारंभिक जांच में ही आंकड़ा करोड़ों रुपए में जा रहा है।

खनन घोटाले में कमिश्नर ने सस्पेंड किया था

प्रदीप खन्ना करीब पांच साल तक इंदौर में जिला खनिज अधिकारी रहे हैं। अक्टूबर 2019 में कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने अपर कलेक्टर कैलाश वानखेड़े से खनन की शिकायतों को लेकर जांच कराई। इसमें सरकारी जमीन पर अवैध खनन होने, गलत पट्टे बंटने तक की कई गंभीर गड़बड़ी मिली। इस पर कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने उसे सस्पेंड कर दिया। दो माह बाद ही प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने यह कहकर खन्ना को बहाल कर दिया कि वित्तीय वर्ष का अंतिम माह है अभी राजस्व देखना है, इसलिए विभाग को खन्ना की जरूरत है। इस प्रकार खन्ना अलग-अलग समय में 6 बार निलंबित हुए।

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