ऐसे में उन्हें अचानक से इस दुनिया से चले जाने से संगीत जगत में शोक की लगहर है. (फाइल फोटो)
पटेरिया लोकगीत की दुनिया में एक बहुत बड़े नाम थे. खास बात यह है कि उन्हें मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लोक गायकी के क्षेत्र में लोकगीत सम्राट के रूप में जाना जाता था.
- News18Hindi
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September 5, 2020, 2:29 PM IST
1976 में आकाशवाणी से मिली पहचान
बुंदेलखंड के लोकगीत सम्राट कहे जाने वाले पंडित देशराज पटेरिया का जन्म 25 जुलाई 1953 को छतरपुर जिले के तिंदनी गांव में हुआ था. वे चार भाइयों और दो बहनों में वे सबसे छोटे थे. वर्ष 1972 में पंडित देशराज ने मंचों पर लोकगीत गाना शुरू किया था. लेकिन उनको असली पहचान वर्ष 1976 में छतरपुर आकाशवाणी से मिली. तब उनका गायन आकाशवाणी से प्रसारित होने लगा. जिसके बाद धीरे-धीरे बुंदेलखंड में उनकी पहचान बढ़ने लगी.
गायक मुकेश को मानते थे अपना आदर्शवर्ष 1980 आते-आते उनके लोकगीतों के कैसेट मार्केट में आ गए. जिसके बाद पटेरिया के लोकगीतों का जादू बुंदेलखंडवासी की जुबां पर दिखने लगा. उन्होंने बुंदेलखंड के आल्हा हरदौल ओरछा इतिहास के साथ-साथ रामायण से जुड़े हास्य, श्रृंगार संवाद से जुड़े संवाद के भी लोकगीत गाये. बुंदेलखंड में पटेरिया के नाम सबसे ज्यादा लोकगीत गाने रिकॉर्ड है. उन्होंने दस हजार से भी ज्यादा लोकगीत गाए. वे बॉलीवुड गायक मुकेश को अपना आदर्श मानते थे.