इन्हें बोरों में छिपाकर रखा गया था गांजा. वाहन (पीछे) भी जब्त.
आयशर वाहन से 17 क्विंटल 27 किलो गांजा जब्त किया गया है. 2 कुख्यात तस्कर भी पकड़ाए हैं. जब्त किए गए मादक पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 करोड़ रुपए कीमत बताई जा रही है.
- News18Hindi
- Last Updated:
September 5, 2020, 11:38 PM IST
तस्करी के लिए वाहन को मॉडिफाइड करवाया
मादक पदार्थ की तस्करी के लिए आयशर वाहन को मॉडिफाइड किया गया था. आयशर वाहन को रोककर जब पुलिस ने जांच की तो उसमें एक गुप्त पार्टिशन दिखा. इसी पार्टिशन में 93 बोरो में भरकर इस मादक पदार्थ को ले जाया जा रहा था. आगर एसपी राकेश सगर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गुप्त पार्टिशन के बारे में पत्रकारों को बताया. पूरे अभियान के बारे में उन्होंने बताया कि यूपी एसटीएफ निरीक्षक सौरभ विक्रम सिंह को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक आयशर वाहन में बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ आगर से कोटा की ओर ले जाया जा रहा है.

गांजा बरामद करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करती छापामारी में शामिल पुलिसकर्मियों की टीम.
बारीकी से तलाश करने पर गुप्त पार्टिशन मिला
इस सूचना पर सुसनेर पुलिस और यूपी एसटीएफ टीम ने साझा अभियान चलाते हुए सुसनेर आगर मार्ग पर नाकाबंदी कर ट्रक (UP14 DT 1955) को रोका. सामान्य तरीके से देखने पर ट्रक खाली दिख रहा था. पर जब बारीकी से उसकी जांच की गई तो उसमें एक गुप्त पार्टिशन मिला. यह पार्टिशन सामान्य तौर पर बाहर से नजर नहीं आ रहा था. पार्टिशन के नीचे एक दरवाजा था, जिसे खोलने पर मादक पदार्थ के छोटे-छोटे 337 पैकेट 97 बोरों में छुपाकर रखे हुए थे. इस मामले में यूपी के रहनेवाले 2 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है.

गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार दोनों आरोपियों के साथ छापामार दस्ता.
तेलंगाना से यूपी लाया जा रहा था गांजा
फिलहाल, गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है. वह पता करना चाह रही है कि आखिर गांजे की यह खेप वे कहां से लाए ओर कहा ले जा रहे थे. सूत्रों के अनुसार गांजे की यह खेप तेलंगाना से यूपी में ले जाई जा रही थी. वाहन में मिले पार्टिशन से लगता है कि लंबे समय से इस वाहन का उपयोग इस तरह से तस्करी में किया जाता रहा होगा. क्योंकि इसमें बने पार्टिशन को बाहर से पहचान पाना मुश्किल था. एक बार तो पकड़ने वाली पुलिस टीम भी चकमे में आ गई थी, लेकिन मुखबिर की पक्की सूचना के चलते बारीकी से जांच की गई और तस्करी का पर्दाफाश हो सका.