सुवासरा20 घंटे पहले
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- तीन साल बाद भी नहीं मिला गरीब को आवास, रोजगार सहायक पर नहीं हुई कार्रवाई
- जांच अधिकारी और जनपद सीईओ रोजगार सहायक को बचाने में लगे हैं
क्षेत्र के अधिकारियों की लापरवाही ने एक गरीब का आवास छिन लिया। हितग्राही को 3 साल बाद भी आवास का लाभ नही मिला। जब शिकायत हुई तो रोजगार सहायक ने यह बोलकर आवास की राशि जिला पंचायत को वापस लौटा दी कि गलती से हो गया। मामले में सरपंच-सचिव, जांच अधिकारी और जनपद सीईओ रोजगार सहायक को बचाने में लगे हैं। तहसील की ग्राम पंचायत गुराड़िया विजय में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राही की मनरेगा आईडी से रोजगार सहायक घनश्याम ओझा ने फर्जी तरीके से 15 हजार से अधिक की राशि का आहरण कर लिया। जब मामले की जानकारी हितग्राही नाथूसिंह राजपूत को लगी तो उसने अपने भतीजे भारतसिंह के माध्यम से जनपद कार्यालय से जानकारी मंगवाई। जिसके बाद रोजगार सहायक के द्वारा की गई गड़बड़ी उजागर हुई। रोजगार सहायक की जनपद सीईओ गोवर्धनलाल मालवीय ने जांच भी कराई। लेकिन उसके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि सीईओ अभी भी परियोजना अधिकारी के पास जांच होना बता रहे हैं।
कलेक्टर से की थी शिकायत
गड़बड़ झाले की शुरुआत रोजगार सहायक ने 20 अप्रैल 2019 को नाथूसिंह की मनरेगा आईडी से चार अलग-अलग मजदूरों के खाते में ट्रांसफर राशि निकाल ली। एक साल बीतने के बाद हितग्राही नाथूसिंह राजपूत को इसकी भनक लगी। जिसके बाद 9 जनवरी 2020 को हितग्राही के भतीजे भारतसिंह ने इस गबन की शिकायत कलेक्टर और जनपद सीईओ को की थी।
जांच के डर से लौटा दी राशि, कार्रवाई नहीं हुई
जब इसकी जानकारी रोजगार सहायक घनश्याम ओझा को लगी तो उसने जांच और दोषी पाए जाने के डर से शिकायत के अगले ही दिन 10 जनवरी को ही जिला पंचायत के खाते में गबन की राशि जमा कर दी। शिकायत मिलने के बाद जनपद सीईओ गोवर्धनलाल मालवीय ने मनरेगा परियोजना अधिकारी गेंदालाल उपाध्याय को जांच के लिए ग्राम पंचायत गुराड़िया विजय भेजा। मार्च 2020 को परियोजना अधिकारी ने पंचायत पहुंचकर शिकायतकर्ता और रोजगार सहायक से मामले की जानकारी ली। परियोजना अधिकारी ने हितग्राही के समक्ष रोजगार सहायक की गलती भी स्वीकार की। लेकिन अधिकारी ने रोजगार सहायक के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसके पक्ष में हितग्राही को समझौता करने को कहा। लेकिन हितग्राही ने अधिकारी को रोजगार सहायक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा। 6 महीने बीतने के बाद भी वृद्ध किसान को ना तो प्रधानमंत्री आवास मिला और ना ही रोजगार सहायक के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ न्याय मिला।
ये कहते हैं जिम्मेदार
रोजगार सहायक मनमानी करता है। हमारी बात भी नहीं सुनता है। उसने मस्टर से राशि निकाली थी, लेकिन बाद में जमा कर दी।
प्रभुलाल सूर्यवंशी, सरपंच प्रतिनिधि, ग्राम पंचायत गुराड़िया विजय
आरोप गलत है। गलती हो गयी थी जिसे सुधार लिया गया है।
घनश्याम ओझा, रोजगार सहायक
मामले की जांच परियोजना अधिकारी कर रहे है। जांच पूरी होने के बाद ही बता पाऊंगा।
गोवर्धनलाल मालवीय, जनपद सीईओ, सीतामऊ
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