सोफा पर बैठे कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर.
भोपाल (Bhopal) के हमीदिया अस्पताल के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के तीन सीनियर डॉक्टरों सहित नौ डॉक्टर और कर्मचारी की रिपोर्ट कोराेना पॉजीटिव (Corona Positive) आई, जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें तत्काल बेड नहीं मिला.
मिली जानकारी के मुताबिक बीते सोमवार को हमीदिया अस्पताल के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के तीन सीनियर डॉक्टरों सहित नौ डॉक्टर और कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजीटिव आई. सभी को अस्पताल लाया गया तो यहां बेड खाली ना होने के कारण संक्रमित डॉक्टरों को भर्ती नहीं किया जा सका. अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी देने के बावजूद देर रात तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी. इस दौरान सभी डॉक्टर दिनभर भूखे प्यासे कमरे के बाहर सोफे पर ही बैठे रहे.
अधिकारियों ने जमा रखा है रूम पर कब्ज़ा
इन डॉक्टरों का कहना है कि डीन डॉ अरुणा कुमार और अस्पताल अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया ने एक एक रूम पर अपना ताला लगा दिया है. अगर इन रूम को खोल दिया जाता तो भी उन्हें भर्ती किया जा सकता था. डॉक्टरों का कहना है कि डीन डॉ. कुमार ने एक कमरे पर ताला लगा रखा है, यहां उनके पति एडमिट थे. वहीं अधीक्षक डॉ. चौरसिया की पत्नी आईसीयू में एडमिट हैं. इसके बावजूद उन्होंने भी एक कमरा बंद कर दिया. डॉक्टरों का आरोप ये भी है कि मेडिसिन के चिकित्सक डॉ. आरएस मनीराम की पॉजीटिव आने के बाद प्रायवेट रूम दिया गया, लेकिन प्राइवेट रूम की कमी होने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने डॉ. मनीराम को जबरन होम क्वारेंटाइन कर कमरा खली करा दिया. घर जाने से डॉ मनिराम की हालत बिगढ़ गई और उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.ये भी पढ़ें: भोपाल में कोरोना पर ब्रेक लगाने एंटीबॉडी सर्वे शुरू, 7500 लोगों का होगा रैंडम टेस्ट
डॉक्टरों ने बाजार से खरीदे इंजेक्शन
मामले में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन भी अस्पताल और कॉलेज प्रबंधन पर आरोप लगाए हैं. जूडा का कहना है कि अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों के लिए रेमेडिसिवर इंजेक्शन फ्री दिए जा रहे हैं. वहीं जूडा को बाजार से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं. मामले पर हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया का कहना है कि अस्पताल में बेड नहीं है, लेकिन डॉक्टरों की व्यवस्था कर दी गई है. सभी के लिए अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं. अस्पताल में किसी को भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा. मामले पर जूडा अध्यक्ष डॉ अरविंद मीणा ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर भेदभाव के आरोप लगाए हैं. मीणा का कहना है कि संक्रमित होने वाले सभी डॉक्टर और जूडा को रूम मिलना चाहिए. इसके साथ ही रेमेडिसिवर इंजेक्शन सिर्फ अधिकारियों को ही उपलब्ध कराए जा रहे हैं.