ग्वालियरएक घंटा पहले
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मेला रोड किनारे फुटपाथ पर सजी खिलौनों की दुकान।
रोप-वे के टर्मिनल का स्थान परिवर्तन करने के मामले में नगर निगम की ओर से इस बार भी जवाब पेश नहीं किया गया। सोमवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में रोप-वे का निर्माण कर रही कंपनी बालाजी दामोदर रोप-वे एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई के दौरान निगम की ओर से जवाब पेश करने के लिए और समय देने की मांग की गई। इस पर कोर्ट ने निगम को एक और अवसर देते हुए तीन सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया।
दरअसल, ग्वालियर किले पर 12 वर्ष से निर्माणाधीन रोप-वे के अपर टर्मिनल का स्थान निगम ने बदल दिया था। निर्माण कंपनी ने निगम के स्थान परिवर्तन के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की। इस संबंध में एडवोकेट आनंद भारद्वाज ने बताया कि एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किले पर बन रहे रोप-वे के अपर टर्मिनल का स्थान परिवर्तन किया गया है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि अपर टर्मिनल के निर्माण से किले की दीवार क्षतिग्रस्त हो सकती है।
जबकि, याचिका में बताया गया है कि जिस किले की दीवार का हवाला देते हुए स्थान परिवर्तन किया जा रहा है, वह संरक्षित स्मारक (प्रोटेक्टिड मोन्युमेंट) की सूची में शामिल नहीं है। इससे पहले जब अपर टर्मिनल के निर्माण के लिए स्थान का चयन किया गया था। तब एक्सपर्ट कमेटी से ही एनओसी ली गई थी। इसके साथ ही निगम से किए गए अनुबंध में भी इसी स्थान का उल्लेख किया गया है। स्थान परिवर्तन की स्थिति में न केवल सारी औपचारिकताएं फिर से पूरी करना पड़ेंगी, बल्कि कंपनी को काफी नुकसान भी होगा।
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