Workers return from MP, UP, Bihar, Jharkhand towards Maharashtra and Gujarat, take out two months’ ration; Same pictures of migration again after 5 months in hopes of business and employment | मप्र, उप्र, बिहार, झारखंड से महाराष्ट्र और गुजरात की ओर मजदूरों की वापसी शुरू, दो महीने का राशन साथ लेकर निकले; काम-धंधे और रोजगार की उम्मीद में 5 माह बाद फिर पलायन की वही तस्वीरें

Workers return from MP, UP, Bihar, Jharkhand towards Maharashtra and Gujarat, take out two months’ ration; Same pictures of migration again after 5 months in hopes of business and employment | मप्र, उप्र, बिहार, झारखंड से महाराष्ट्र और गुजरात की ओर मजदूरों की वापसी शुरू, दो महीने का राशन साथ लेकर निकले; काम-धंधे और रोजगार की उम्मीद में 5 माह बाद फिर पलायन की वही तस्वीरें


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भोपाल2 मिनट पहले

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दिनेश कहते हैं- सूरत में ग्राहकी फिक्स थी। बड़े व्यापारियों से संपर्क था इस कारण रोजाना 2 से 3 हजार रुपए कमा लेता था। इस कारण अब मजबूरन रोजगार के लिए परिवार सहित सूरत के लिए निकले हैं। दोबारा जमने में एक-दो महीने लगेंगे। इस कारण 2 महीने का राशन साथ लेकर जा रहा हूं।

  • सफर की थकान को फिर से काम-धंधे पर लौटने की उम्मीद ने ढंक लिया है

(सुनीत सक्सेना) दोपहर कोई ढाई बजे का वक्त है। मुबारकपुर जोड़ के पास भोपाल बायपास पर कुछ-कुछ वैसी ही तस्वीरें दिखाई दे रही हैं जो अचानक हुए लॉकडाउन के बाद करीब पांच महीने पहले दिखाई दी थीं। ऑटो रिक्शा, पिकअप, लोडिंग ऑटो और ऐसी ही अनेक गाड़ियों में सफर करते लोग, जो अब मप्र, उत्तर प्रदेश और बिहार के गांवों से वापस रोजगार की उम्मीद में महाराष्ट्र व गुजरात के बड़े शहरों की ओर लौट रहे हैं।

उस समय इनकी आंखों में सबकुछ पीछे छूटने का दर्द और तपती धूप में परेशान परिवार की पीड़ा थी तो इस समय फिर से रोजगार पाने और जिंदगी पटरी पर आने की आस है। गृहस्थी का सामान और दुधमुंहे बच्चों को गोद में लेकर महिलाएं परिवार के साथ हजार किलोमीटर से अधिक का सफर कर चुकीं हैं। मंजिल तक पहुंचने के लिए अभी इतना ही और चलना है। सफर की थकान को फिर से काम-धंधे पर लौटने की उम्मीद ने ढंक लिया है।

पेश है थाना परवलिया सड़क के मुबारकपुर जोड़ से दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट- यही वह रास्ता है जहां से यूपी, बिहार, झारखंड के लोग महाराष्ट्र और गुजरात की ओर जा रहे हैं।

गांव में रोजगार नहीं, मुंबई से फैक्टरी मालिक का बुलावा आया तो जा रहे हैं

ऑटो में सुनील, राजेश, श्रीकांत, विनय पांडे समेत पांच लोग सवार हैं। साथ में 12 साल का एक बच्चा भी है, जो अपने पिता के पास मुंबई जा रहा है। पांचों लोग ग्राम पिलवनिया, इलाहाबाद( उप्र) से शनिवार सुबह मुंबई के लिए निकलें हैं। पांच महीने पहले सुनील दोस्त का ऑटो लेकर साथियों के साथ गांव लौटे थे। सुनील और राजेश मुंबई में ऑटो चालते हैं, जबकि विनय और श्रीकांत वहां एक फैक्टरी में काम करते थे। श्रीकांत कहते हैं-फैक्टरी मालिक का बुलावा आने पर वापस मुंबई जा रहे हैं। परिवार अभी गांव में ही है। स्थितियां सामान्य होने के बाद उनको भी साथ लेकर जाएंगे।

ऑटो रिक्शा में सवार होकर झारखंड से निकले, 1200 किमी चल चुके हैं

रामेश्वर साहू भी अपने तीन साथियों पवन कुमार, किशोर कुमार और संजय कुमार के साथ झारखंड के ग्राम चतरा से मुंबई के लिए शनिवार तड़के ऑटोे से रवाना हुए हैं। सभी मुंबई में ऑटो चलाते हैं। रामेश्वर कहते हैं कि सफर बहुत लंबा है। आराम-आराम से जा रहे हैं। लगभग 1200 किलोमीटर गाड़ी चल चुकी है। रात में सुरक्षित स्थान पर ऑटो रोककर आराम कर लेते हैं। सुबह होते ही आगे के सफर पर निकल पड़ते हैं। उनका कहना कि काम-धंधे के लिए घर से निकलना ही पड़ेगा। कोरोना से बचाव के साथ काम-धंधा भी देखना है।

लोन लेकर ऑटो खरीदा था, काम पर नहीं लौटेंगे तो किस्त कहां से चुकाएंगे

विनोद कुमार गुप्ता मुंबई से 14 अप्रैल को हजारीबाग (झारखंड) पहुंचे थे। पांच महीने बाद वह अपने साथियों लव कुमार, राहुल, आदित्य और राजकुमार के साथ वापस मुंबई लौट रहे हैं। विनोद कहते हैं- उनके ऑटो के लोन की किस्त 7 तारीख को जमा होती है। आज ही किस्त जमा करने का नोटिस मिला है, अब ऐसे में किस्त कैसे जमा की जा सकती है। विनोद मुंबई में ऑटो चलाते हैं। लव कुमार, आदित्य और राजकुमार होटल में काम करते थे। उनका कहना कि होटल मालिक ने ही दोबारा काम पर बुलाया है। वहां जाकर नए सिरे से दोबारा काम संभाला जाएगा।

एजेंट हुए सक्रिय,
बसें भेजकर वापस ला रहे हैं मजदूरों को…

बताते हैं कि एजेंटों ने महाराष्ट्र और गुजरात के सेठों से संपर्क किया है। इसके बाद उन्होंने पलायन कर अपने-अपने गांव गए मजदूरों को वापस लाने के लिए मप्र, यूपी, बिहार और झारखंड बसें भेजी हैं। इन बसों में मजदूरों को वापस लाया जा रहा है। किराया भी मजदूरों से वसूला जाएगा, लेकिन कमीशन फैक्टरी मालिक से मिलेगा। मुबारकपुर जोड़ से रोजाना आठ से दस बसें गुजरात और महाराष्ट्र के लिए निकल रहीं हैं।

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