मध्य प्रदेश में हाल ही में आयी बाढ़ से भारी बर्बादी हुई है.
केन्द्रीय अध्ययन दल बाढ़ (Flood) प्रभावित जिले सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा और देवास जाकर बाढ़ से चौपट हुई फसलों (crop) और अन्य नुकसान का आंकलन करेगा.
तय कार्यक्रम के मुताबिक आशुतोष अग्निहोत्री, संयुक्त सचिव केन्द्र सरकार के नेतृत्व में एक दल 10 सितंबर को मध्य प्रदेश पहुंचेगा. इस दल में कृषि, वित्त, जल-संसाधन, सड़क परिवहन और राजमार्ग और ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे. ये दल 3 दिन तक पूरे प्रदेश में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेगा और 12 सितंबर को दिल्ली लौट जाएगा.
कहां-कहां जाएगा दल ?
केन्द्रीय अध्ययन दल बाढ़ प्रभावित जिले सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा और देवास जाकर बाढ़ से चौपट हुई फसलों और अन्य नुकसान का आंकलन करेगा. अगस्त महीने के आखिर में प्रदेश में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ और कई जगह बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. खासतौर से भोपाल, होशंगाबाद और जबलपुर जिलों में बाढ़ के कारण किसानों की खरीफ फसल, घर और घरेलू सामान बर्बाद हो गया है. उस वक़्त बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हवाई निरीक्षण किया था.
सीएम ने पीएम से की थी बात
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान के संबंध में एमपी सरकार ने केन्द्र सरकार को जानकारी दी थी. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी. उस वक्त प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया था. अब केंद्रीय दल को मध्यप्रदेश में बाढ़ आपदा का आंकलन करने के लिए भेजा जा रहा है. केंद्रीय दल की रिपोर्ट के आधार पर ही मध्य प्रदेश को बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए केंद्र से मदद मिलने की संभावना है.