(फाइल फोटो)
MP By-Election 2020: 27 सीटों के उपचुनाव में बीजेपी (BJP) का टेंशन अनुसूचित वर्ग की सीटों को लेकर है जो 2018 में बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली साबित हुई थीं.
बीजेपी नेता लाल सिंह आर्य के मुताबिक पिछले चुनाव में जिन अनुसूचित जाति वाली सीटों पर बीजेपी को नुकसान हुआ था, इस बार ऐसा नहीं होगा. अनुसूचित जाति का वोट बीजेपी के पक्ष में आएगा. सरकार के हर वर्ग को लेकर लिए जा रहे फैसलों से इस बार का माहौल बदला हुआ है. उपचुनाव से पहले बीजेपी की दलित वोटों की चिंता पर कांग्रेस ने पलटवार किया है.
बीजेपी प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि उप चुनाव आते ही बीजेपी को दलित वोटों की चिंता सताने लगी है. लेकिन प्रदेश की सत्ता में भाजपा की वापसी के साथ ही दलित अत्याचार तेजी के साथ बड़े हैं और अब किसी भी सरकारी सेवा के जरिए दलित वोटों को रिझाया नहीं जा सकता है.
दरअसल 27 सीटों के उपचुनाव में बीजेपी का टेंशन अनुसूचित वर्ग की सीटों को लेकर है. जो 2018 में बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली साबित हुई थीं. इनमें ग्वालियर चंबल संभाग की सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस हो गया है. दरअसल 4 साल पहले एट्रोसिटी एक्ट का सबसे ज्यादा विरोध ग्वालियर चंबल संभाग में हुआ था.यहां 9 सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित होने के कारण सभी सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. और यही कारण है कि अब पार्टी इन 9 सीटों पर अपने चेहरों को बदलने के साथ ही दलित वोटों को साधने पर नजर टिकाए हुए हैं. जानकारी के मुताबिक पार्टी संबल योजना के जरिए एस सी वर्ग को सरकार की योजनाओं से जोड़कर अच्छे दिनों का एहसास कराने की कोशिश में है.