नर्मदा नदी का 27 सीटों पर उपचुनाव से क्या है कनेक्शन ? क्यों भिड़ गए दो नेता!  | bhopal – News in Hindi

नर्मदा नदी का 27 सीटों पर उपचुनाव से क्या है कनेक्शन ? क्यों भिड़ गए दो नेता!  | bhopal – News in Hindi


दोनों के बीच नर्मदा की इस परियोजना का क्रेडिट लेने की लड़ाई शुरू हो गई है.

नर्मदा (Narmada) पर यह सियासत इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि मध्यप्रदेश (MP) में जिन 27 सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें से एक बदनावर भी शामिल है. बदनावर से ही राज्यवर्धन दत्तीगांव विधायक थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया है

भोपाल.मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (By Election) से पहले नर्मदा (Narmada) को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बदनावर की नर्मदा माइक्रो सिंचाई परियोजना पर शिवराज सरकार में मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सुरेंद्र सिंह बघेल आमने सामने आ गए हैं. दोनों के बीच नर्मदा की इस परियोजना का क्रेडिट लेने की लड़ाई शुरू हो गई है.

राज्यवर्धन दत्तीगांव ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर एक वीडियो जारी करते हुए आम जनता से 19 सितंबर को कोटेश्वर आने की अपील की.उन्होंने लिखा कि आइए हम सब मिलकर मां नर्मदा का स्वागत करें. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नर्मदा को बदनावर लाने का संकल्प पूरा करने आ रहे हैं. उनके इस ट्वीट पर पूर्व मंत्री सुरेंद्र बघेल ने पलटवार करते हुए लिखा कि कमलनाथ सरकार द्वारा बदनावर के किसानों के हित में लिए गए फैसले का शिवराज और दत्तीगांव जी क्रेडिट से ले रहे हैं. ये कहीं उपचुनाव में हार का भय तो नहीं है ?

किसके दावे में कितना दम ?
नर्मदा सिंचाई परियोजना के लिए राज्यवर्धन दत्तीगांव ने दावा किया कि इस परियोजना की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साल 2016 में कोटेश्वर में घोषणा की थी. उसे पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की थी.  अब इस योजना का उद्घाटन होने जा रहा है. इस दावे के उलट सुरेंद्र बघेल ने लिखा कमलनाथ सरकार ने एनवीडीवी की बैठक में 10 दिसंबर 2019 को परियोजना की निविदा मंजूर की थी. 17 फरवरी 2020 को इस परियोजना का वर्क ऑर्डर जारी किया गया था. इसलिए ये योजना कमलनाथ सरकार की देन है ना कि शिवराज सरकार की.

बदनावर में है उपचुनाव
नर्मदा पर यह सियासत इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि मध्यप्रदेश में जिन 27 सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें से एक बदनावर भी शामिल है. बदनावर से ही राज्यवर्धन दत्तीगांव विधायक थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया है. अब जबकि इस सीट पर भी उपचुनाव होने जा रहा है तो फिर विकास कार्य कराने का क्रेडिट लेने की लड़ाई शुरू हो गई है.





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