झाम सिंह के परिवार का आरोप है कि उनके बेटे को नक्सली समझकर मार दिया गया.
पुलिस (Police) ने बताया कि नक्सलियों की संख्या 15 से 20 थी. नक्सलियों की ओर से पहले फायरिंग (firing) की गई थी. उन्होंने पुलिस जवानों पर 40 से 50 राउंड फायरिंग की थी. इस के जवाब और आत्म सुरक्षा में पुलिस ने भी फायरिंग की थी.
इस मामले में कलेक्टर दीपक आर्य ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद अपर कलेक्टर बैहर शिव गोविंद मरकाम ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस के अनुसार बालाघाट के गढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत सुपखार जंगल के बांसबेहरा में कुछ दिन पहले पुलिस औऱ नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. दोनों तरफ से जमकर फायरिंग का दौर चला. सुबह इसी स्थान पर सर्चिंग के दौरान एक शख्स की लाश मिली. मृतक की पहचान छत्तीसगढ़ कबीरधाम जिले के झलमला थाना क्षेत्र अंतर्गत शीतलपानी में रहने वाले 45 साल के झामसिंह के रूप में हुई. गढ़ी थाना में मुठभेड़ को लेकर अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. झामसिंह की मौत किन परिस्थितियों में हुई इसकी अब जांच की जा रही है.
पुलिस को मिला था नक्सलियों का इनपुट
नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में नक्सलियों से निपटने के लिए हॉक फोर्स तैनात किया गया है. जिले के एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि सूचना मिली थी कि बांसबेहरा गांव में दो नक्सली अपना इलाज कराने के लिए आए हैं. इस सूचना पर हॉक फोर्स ने बांसबेहरा के आसपास घेराबंदी की. दावा है कि इस दौरान विस्तार दलम के नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाब में गोलियां चलायीं. काफी देर तक मुठभेड़ चली. दावा यह भी किया गया है कि इसी दौरान बारिश का फायदा उठाते हुए नक्सली भाग खड़े हुए.दोनों ओर से फायरिंग
पुलिस ने बताया कि नक्सलियों की संख्या 15 से 20 थी. नक्सलियों की ओर से पहले फायरिंग की गई थी. उन्होंने पुलिस जवानों पर 40 से 50 राउंड फायरिंग की थी. इस के जवाब और आत्म सुरक्षा में पुलिस ने भी फायरिंग की थी. अभिषेक तिवारी ने बताया कि अगली सुबह पुलिस ने इलाके की तलाशी ली तो मुठभेड़ वाले स्थान पर एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ मिला. उसके शरीर में गोली के निशान थे.
परिवार ने कहा-मछली पकड़ने गया था बेटा
मृतक झामसिंह के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे को नक्सली समझ कर मार दिया. परिवार ने दोषियों पर केस दर्ज कर कार्रवाई करने का मांग की है. परिवार ने बताया कि झामसिंह 6 सितंबर को अपने एक साथी के साथ बॉर्डर के पास नदी में मछली मारने गया था. शाम को लौटते समय कुछ वर्दीधारी उसे आवाज लगाकर रोकने लगे. झामसिंह और उसका साथी डर के कारण भागने लगे तो पीछे से गोली लगा मार दी गयी, जिससे उसकी मौत हो गयी. कवर्धा पुलिस पूरे मामले में जांच जारी रहने औऱ जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होने की बात कह रही है. अब यह मामला एनकाउंटर का है या फिर हत्या का यह मजिस्ट्रियल जांच होने के बाद ही पता चलेगा. स्थानीय नेताओं ने मृतक के परिवार को मुआवजा और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने के साथ पूरे मामले की CBI जांच कराने की मांग की है