Model college in four rooms: if students increase then there is no room for class from new session | चार कमरों में मॉडल कॉलेज, स्टूडेंट्स बढ़े तो नए सत्र से क्लास के लिए नहीं हंै रूम

Model college in four rooms: if students increase then there is no room for class from new session | चार कमरों में मॉडल कॉलेज, स्टूडेंट्स बढ़े तो नए सत्र से क्लास के लिए नहीं हंै रूम


हरदा12 मिनट पहले

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  • माॅडल काॅलेज महात्मा गांधी हासे स्कूल के 4 कमराें में, अब तक दाे शिफ्टों में तीन कमराें में लग रहीं थी क्लास

आपने स्कूलाें काे कमराें और जगह की कमी से जूझते देखा हाेगा, लेकिन जिले के शासकीय माॅडल काॅलेज काे 5 साल में 10 एकड़ जमीन नहीं मिल सकी। न ही किराए का एक भवन मिला अब नए सत्र में काॅलेज में छात्र-छात्राओके बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। अब तक काेई वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं हाे सकी। पानी सिर के ऊपर आता देख माॅडल काॅलेज के प्राचार्य अब खासे परेशान हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें काेई विकल्प नहीं मिल रहा। इस स्थिति में माॅडल काॅलेज बंद तक हाे सकता है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि भवन तलाश रहे हैं। काॅलेज में जगह की कमी का आलम यह है कि प्राचार्य से मिलने काेई अतिथि पहुंच जाए ताे स्टाफ काे कुर्सी छाेड़कर बाहर जाना पड़ता है। इधर कलेक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि बच्चों के भविष्य का सवाल है। शीघ्र ही वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। जिले के छात्र-छात्राओंकाे बेहतर उच्च शिक्षा देने के लिए शुरू किए गए माॅडल काॅलेज स्कूल के चार कमराें में लग रहा है। एक कमरे में प्राचार्य, हेल्प डेस्क व स्टाफ बैठता है। दाे शिफ्टों में लगने वाले काॅलेज में पिछले साल तक 292 विद्यार्थी दर्ज थे। इस साल नए सत्र में 300 से अधिक विद्यार्थियों के प्रवेश लेने की उम्मीद है। नया सत्र इसी माह के अंत में शुरू हाे सकता है। लेकिन काॅलेज में नए सत्र में विद्यार्थियों के लिए कमरे नहीं है। उनकी बैठक के लिए क्या व्यवस्था हाेगी, अधिकारी इसे लेकर माथा पच्ची कर रहे हैं।

आर्दश काॅलेज में पिछले साल दर्ज विद्यार्थी
काॅलेज में पिछले साल बीए फर्स्ट ईयर 157, बीए सेकंड ईयर 63, बीकॉम फर्स्ट ईयर 23, बीकॉम सेकंड ईयर 13, बीएससी फर्स्ट ईयर 29, बीएससी सेकंड ईयर में 7 विद्यार्थी दर्ज हैं। नए सत्र में अब तक 40 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। सीएलसी राउंड अभी बाकी है। समय रहते काेई कार्रवाई नहीं करने की वजह से नए सत्र में अड़चने आएंगी। इससे नया सत्र देरी से शुरू हाेगा। विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान हाेगा।

भवन तलाश रहे हैं, डीईओ से चर्चा की है
आदर्श कॉलेज में कमराें की कमी से कलेक्टर काे अवगत करा दिया है। भवन तलाश रहे हैं। डीईओ से भी चर्चा की गई है। नए सत्र के पहले भवन की तलाश के प्रयास किए जा रहे हैं।
– जीके तिवारी, प्राचार्य, शासकीय आर्दश काॅलेज, हरदा

चार कमरे महात्मा गांधी स्कूल काे साैंप दिए हैं
रमसा ने 2016 में 4 अतिरिक्त कमराें का निर्माण कराया था। इन कमराें काे महात्मा गांधी स्कूल काे साैंप दिया गया है। वर्तमान में यहां निर्माण सामग्री रखी है। ठेकेदार के मजदूर रह रहे हैं। कलेक्टर के आदेश से काॅलेज की कक्षाएं लगाई जा सकती हैं।
ओएस महाजन, एपीसी, रमसा

वैकल्पिक व्यवस्था तत्काल करने के लिए कहा है
विद्यार्थियाें के भविष्य का सवाल है। माॅडल काॅलेज के लिए कमराें की कमी की समस्या का शीघ्र निराकरण किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों काे वैकल्पिक व्यवस्था तत्काल करने के लिए भवन तलाश करने के निर्देश दिए हैं।
– संजय गुप्ता, कलेक्टर, हरदा

अभी काॅलेज में 41 प्राध्यापक व 27 अतिथि विद्वान है

काॅलेज में प्राचार्य सहित 41 प्राध्यापक है। इनमें 27 अतिथि विद्वान शामिल हैं। इसके अलावा 292 विद्यार्थी हैं। नए सत्र में 300 और नए विद्यार्थी आएंगे। पिछले साल तक काॅलेज दाे शिफ्टों में लगता था। पहली शिफ्ट सुबह 8:40 से शुरू हाेती है। दूसरी शिफ्ट सुबह 11 बजे से लगती है। जगह की कमी के कारण स्टाफ पीरियड लेते समय ही क्लास में पहुंचता है। प्रोफेसरों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। काॅलेज में छात्राओँ के लिए शौचालय तक नहीं है। पर्याप्त पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है।

यह हाे सकते हैं विकल्प

  • 1. महात्मा गांधी स्कूल के पीछे रमसा (राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन) के चार कमरे है। इनमें वर्तमान में निर्माण सामग्री भरी है। ठेकेदार के मजदूर रहते हैं। इन कमराें में कक्षाएं लगाई जा सकती है।
  • 2. वर्तमान में माॅडल काॅलेज जहां लग रहा है, उसके नीचे महात्मा गांधी स्कूल के चार कमरे हैं। इनमें लैब का सामान, साइकिल, फर्नीचर व लाइब्रेरी है। इन कमराें के सामान काे दूसरी जगह शिफ्ट कर सकते हैं।
  • 3. शहर में काेई किराए का बड़ा भवन भी देखा जा सकता है।

शासकीय आदर्श काॅलेज की वर्तमान स्थिति

  • चार कमरे, तीन में कक्षाएं लगती है। एक कमरे में प्राचार्य, हेल्प डेस्क व स्टाफ बैठता है।
  • कुल प्राध्यापक 41, 16 पुरुष व 25 महिलाएं। इनमें 27 अतिथि विद्वान शामिल है।
  • अस्थाई ताैर पर जरूरत कम से कम 4 कमराें की

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