बीजेपी में असंतोष का मुद्दा बी एल संतोष तक पहुंच गया है.
सूत्रों की मानें तो 27 में से करीब 12 से 13 सीट (Seat) ऐसी हैं जहां स्थानीय नेताओं की नाराजगी दूर करने में अभी भी परेशानी आ रही है. इनमें से ज्यादातर सीटें ग्वालियर चंबल (Gwalior- chambal) संभाग की हैं. बीएल संतोष ने विधानसभा प्रभारियों की इस बात को गंभीरता से लिया है.
सीएम शिवराज और वी डी को जिम्मेदारी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिलाध्यक्ष और विधानसभा प्रभारियों के साथ बैठक के दौरान जब नाराज नेताओं का मुद्दा उठा तो बी एल संतोष की ओर से यह व्यवस्था दी गई कि नाराज नेताओं से पहले प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा बात करेंगे. अगर जरूरी हुआ तो फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बात करेंगे. इन सब के बाद भी अगर बात नहीं बनती है तो फिर मुद्दा केंद्रीय संगठन के सामने भी जा सकता है.
नाराज़ नेता भी पहुंचे थेभोपाल में हुई राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अलग-अलग बैठकों के दौरान उन नेताओं को भी भोपाल बुलाया गया था जिनके नाराज होने की बातें सामने आ रही हैं. फिर चाहे उनमें जयभान सिंह पवैया हों, लाल सिंह आर्य हों या माया सिंह. इन सभी को बैठक में बुलाया गया था. हालांकि कुछ नेता नाराज होकर बीजेपी का साथ भी छोड़ रहे हैं. ग्वालियर के कद्दावर नेता सतीश सिकरवार पहले ही बीजेपी छोड़ कांग्रेस में जा चुके हैं. ऐसे में इस नाराजगी को उपचुनाव से पहले रोक पाना बीजेपी के लिए अहम हो गया है.
13 का संकट
सूत्रों की मानें तो 27 में से करीब 12 से 13 सीट ऐसी हैं जहां पर स्थानीय नेताओं की नाराजगी दूर करने में अभी भी परेशानी आ रही है. इनमें से ज्यादातर सीटें ग्वालियर चंबल संभाग की हैं. बीएल संतोष ने विधानसभा प्रभारियों की इस बात को गंभीरता से लिया है.