Ekadashi of Pitrupaksha Today, Vishnu worship and Shraddha get moksha to salvation | पितृपक्ष की एकादशी आज, विष्णु पूजा और श्राद्ध से मृतात्माओं को मिलता है मोक्ष

Ekadashi of Pitrupaksha Today, Vishnu worship and Shraddha get moksha to salvation | पितृपक्ष की एकादशी आज, विष्णु पूजा और श्राद्ध से मृतात्माओं को मिलता है मोक्ष


जबलपुर17 घंटे पहले

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  • आज के दिन भगवान शालिग्राम की पूजा और व्रत रखने का विधान

आश्विन महीने के कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि आज है, इसे इंदिरा एकादशी कहा जाता है। श्राद्ध पक्ष की एकादशी बहुत ही खास मानी जाती है। इस तिथि पर तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोजन करवाने से मृतात्माओं को मोक्ष मिलता है। पं. रोहित दुबे ने बताया कि उपनिषदों में भी कहा गया है कि भगवान विष्णु की पूजा से पितृ संतुष्ट होते हैं। इस दिन भगवान शालिग्राम की पूजा और व्रत रखने का विधान है।

कोई पूर्वज जाने-अनजाने में किए गए अपने किसी पाप की वजह से यमराज के पास दंड भोग रहे हों तो विधि-विधान से इंदिरा एकादशी का व्रत करने से उन्‍हें मुक्ति मिल सकती है। एकादशी पर आँवला, तुलसी, अशोक, चंदन या पीपल का पेड़ लगाने से भगवान विष्णु के साथ ही पितर भी प्रसन्न होते हैं।

पं. वासुदेव शास्त्री ने बताया कि व्रत करने वाले को बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। ऐसी भी मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति की सात पीढ़ियों तक के पितृ तर जाते हैं। जितना पुण्य कन्यादान, हजारों वर्षों की तपस्या करने पर मिलता है उससे अधिक पुण्य एकमात्र इंदिरा एकादशी व्रत करने से मिल जाता है।

व्रत और पूजा विधि पं. राजकुमार शर्मा शास्त्री ने बताया कि सुबह स्नान आदि से पवित्र होकर भगवान विष्णु के सामने व्रत और पूजा का संकल्प लेना चाहिए। एकादशी पर शालिग्राम की पूजा की जाती है। भगवान शालिग्राम को पंचामृत से स्नान करवाएँ। पूजा में अबीर, गुलाल, अक्षत, यज्ञोपवीत, फूल होने चाहिए। इसके साथ ही तुलसी पत्र जरूर चढ़ाएँ। इसके बाद तुलसी पत्र के साथ भोग लगाएँ, फिर एकादशी की कथा पढ़कर आरती करनी चाहिए। इसके बाद पंचामृत वितरण कर ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा देनी चाहिए। इस दिन पूजा तथा प्रसाद में तुलसी की पत्तियों का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाता है। पी-4

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