Parents may have two shifts in schools – now there is a risk … Federation said – it is wrong to put responsibility on parents | स्कूलों में हो सकती हैं दो शिफ्ट पालक बोले-अभी जोखिम है…महासंघ बोला- पालकों पर जिम्मेदारी डालना गलत

Parents may have two shifts in schools – now there is a risk … Federation said – it is wrong to put responsibility on parents | स्कूलों में हो सकती हैं दो शिफ्ट पालक बोले-अभी जोखिम है…महासंघ बोला- पालकों पर जिम्मेदारी डालना गलत


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भाेपाल19 मिनट पहले

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प्रतीकात्मक फोटो।

  • कुछ सरकारी स्कूलों में दो पालियों में स्कूल लगाने पर विचार हो रहा है।
  • पालक महासंघ का कहना है कि जब तक सरकार जिम्मेदारी नहीं लेगी, तब तक बच्चाें काे स्कूल नहीं भेजेंगे

राज्य सरकार द्वारा शुक्रवार काे जारी की गई गाइडलाइन यानी एसओपी जारी होने के बाद शनिवार से सरकारी व निजी स्कूलाें ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इधर, पालक महासंघ ने भी अपने मंसूबे जाहिर करते हुए दाे टूक कह दिया है कि जब तक राज्य सरकार बच्चाें के स्वास्थ्य संबंधी इंतजामाें की जिम्मेदारी नहीं लेगी, तब तक बच्चाें काे स्कूल नहीं भेजेंगे। केंद्र के बाद राज्य सरकार ने भी 21 सितंबर से स्कूल खुलने संबंधी एसओपी जारी की है। शहर के सरकारी स्कूलाें काे दाे पालियाें में लगाने पर भी विचार हाेने लगा है। शहर के सबसे बड़े सरकारी स्कूल सुभाष एक्सीलेंस ने स्कूल दाे पालियाें में लगाने का प्रस्ताव तक तैयार कर लिया। स्कूल के प्राचार्य सुधाकर पाराशर ने दैनिक भास्कर से बातचीत में इसकी पुष्टि की है। वहीं स्कूलाें के संचालन काे लेकर एक और सबसे बड़ा अड़ंगा जगह का आ रहा है। वजह यह है कि सरकार ने एसओपी में फिजिकल डिस्टेंस 6 फीट तय की है। इसी वजह से दाे पालियाें में स्कूल लगाने का निर्णय हाे सकता है।

दिलाया भरोसा…बच्चों की सेहत का रखेंगे ख्याल

बच्चों का पूरा ध्यान रखेंगे
^ हमारे एसाेसिएशन से जुड़े सभी स्कूल एसओपी का पालन करेंगे। इसके अलावा बच्चाें का स्वास्थ्य एवं उनका एकेडमिक लाॅस नहीं हाे, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
विनीराज माेदी, एसाेसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स

एसओपी का पालन करेंगे
^स्कूल प्रबंधन एसओपी का पालन करेगा। बच्चों को स्कूल भेजने वाले पालकों का एक स्पेशल वाट्सएप ग्रुप बनाएंगे। हेल्पलाइन नंबर भी देंगे। –मनीषा कवाठेकर, प्रिंसिपल, आईईएस पब्लिक स्कूल व मेंबर सहाेदय ग्रुप

पहले विश्वास बनाएंगे
^ सरकार द्वारा तय एसओपी और प्रावधानाें के अनुरूप ही स्कूल खाेले जाएंगे, लेकिन इससे पहले स्टूडेंट्स और पालकाें के बीच विश्वास का माहौल बनाया जाएगा।
-डाॅ. आशीष चटर्जी , साेसायटी आफ प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स

पालकों से चर्चा जारी
^तैयारी शुरू कर दी हैं। लिखित सहमति के बाद बच्चाें के आने-जाने के इंतजाम पर पालकाें से साेशल मीडिया के जरिए बातचीत की जा रही है। –अजीत सिंह, अध्यक्ष प्राइवेट स्कूल एसाेसिएशन

निजी स्कूल प्रबंधन पालकाें से ले रहे ये जानकारी

  • बच्चों को वे स्वयं अपने वाहन से छाेड़ना और ले जाना पसंद करेंगे।
  • लिखित में सहमति ईमेल पर या स्कूल आकर जमा कर दें।
  • पिछले 10 दिन में बच्चे काे स्वास्थ्य संबंधी क्या समस्या रही है।

अपनी जिम्मेदारी से बचना चाह रही सरकार

^सरकार जिम्मेदारी से मुक्त हाेना चाहती है। गाइडलाइन में पालकाें पर ही सारी जिम्मेदारी सौंप दी है। अब संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में बच्चाें काे स्कूल नहीं भेजा जा सकता। बड़े निजी स्कूल ताे मापदंडाें का पालन कर लेंगे, लेकिन ज्यादातर सरकारी स्कूलाें में बुनियादी सुविधाएं ही नहीं हैं, वहां पालन हाेने में संदेह है। –कमल विश्वकर्मा, प्रदेशाध्यक्ष पालक महासंघ मप्र

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