शादी-ब्याह में बच्चे ऐसे करते हैं चोरी
घुमंतू जातियों के विशेषज्ञ एसपी शर्मा बताते हैं, इस जाति के आपराधिक लोग शादी-ब्याह के सीजन में मध्य प्रदेश से निकलकर उत्तर भारत के राज्यों के बड़ेे शहर जैसे आगरा, लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली, कानपुर, इलाहबाद, वाराणसी, जयपुर, जोधपुर, गुड़गांव, रोहतक, हिसार, अंबाला, फरीदाबाद, चंडीगढ आदि शहरों में पहुंच जाते हैं. जहां ज्यादातर लोग रेलवे स्टेशन के पास, फ्लाई ओवर के नीचे, खाली पडे मैदान में या फिर बंद पड़ेे सिनेमा हाल के बाहर अपना डेरा बनाते हैं. पुरुष लोग धर्मशाला या सस्ते होटलों में ठहरते हैं. पुरुष किराए पर ऑटो लेकर उन मैरिज होम की रैकी करते हैं जहां रात को शादी होनी है. किसी न किसी बहाने से यह अंदर तक का चक्कर लगा लेते हैं.
इसे भी पढ़ें: जानिए, क्या है क्राइम कंट्रोल कैलेंडर, जिसे फॉलो करती है 4 राज्यों की पुलिस!जहां यह देखते हैं कि मैरिज होम का स्तर और खाने का क्या स्तर है. इससे पता चलता है कि शादी किस स्तर के लोगों की है. माल कितना मिल सकता है. मैरिज होम की रैकी करने के बाद शाम को इनके बच्चे एकदम नए और डिजाइनदार कपड़ेे पहनकर मैरिज होम में घुस जाते हैं. बच्चे इतने ट्रेंड होते हैं कि वो पूरे कार्यक्रम में सिर्फ उन लोगों पर निगाह रखते हैं जैसे लडकी वाले की तरफ से वो आदमी जिसके पास खर्च करने की जिम्मेदारी है और वो पैसों का बैग लटकाकर घूम रहा है. इसी तरह का शख्स लड़के वाले की तरफ भी होता है.
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इसके अलावा लड़की वालों की ओर से जो गिफ्ट के लिफाफे ले रहा है. लड़की वालों की तरफ से वो महिला जो सोने-चांदी के जेवरों की जिम्मेदारी देख रही है. यह बच्चे ऐसे लोगों को टारगेट कर उन पर निगाह रखना शुरु कर देते हैं. हर दम उनके आगे-पीछे घूमते हैं. यह उस मौके की तलाश में रहते हैं जब जिम्मेदारी निभाने वाला सिर्फ कुछ सेकेंड की लापरवाही करे और अपने बैग को कहीं रख दे. और इस जरा सी देर में ही यह बच्चे बैग उठाकर बाहर की ओर भाग जाते हैं. बाहर ऑटो में पुरुष पहले से ही तैयार बैठे होते हैं. बैग लेकर वो भाग जाते हैं. बच्चों को लेकर गिरोह की महिलाएं दूसरे साधन से अपने डेरे की ओर चल देती हैं या फिर पहले से ही चिन्हित दूसरे मैरिज होम में पहुंच जाती हैं.
बैंक के अंदर और बाहर ऐसे करते हैं वारदात
एसपी शर्मा का कहना है कि जब शादी-ब्याह का सीजन नहीं होता है तो यह लोग बैंक के अंदर या उसके बाहर चोरियां करते हैं. नोटों से भरे बैग को पलक झपकते ही गायब कर देते हैं. नोटों का बैग आपके कंधे पर लटका है तो उसमे ब्लेड से कट लगाने की कोशिश करते हैं या फिर आपे बैंक की पर्ची भर रहे हैं और बैग साइड में रखा है तो यह छोटे बच्चे गायब कर देते हैं. या फिर आप बैंक से रुपये लेकर बाइक से चले और नोट बाइक की डिग्गी या उसमे लगे बैग में रख दिए हैं तो कहीं भी मौका मिलते ही यह आपके नोट गायब कर देते हैं. यह लोग बैंक से ही पीछे लग जाते हैं.