कमलनाथ ने अपनी जनसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा (फाइल फोटो)
रविवार को इंदौर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर अर्जुन बड़ोदा गांव में आयोजित सभा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने कहा, मेरी सरकार ने राज्य के 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था. मैं शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुलेआम चुनौती देता हूं कि वो मेरी इस बात का खंडन कर के दिखाएं
- News18Hindi
- Last Updated:
September 13, 2020, 6:38 PM IST
कमलनाथ रविवार को इंदौर जिले के सांवेर क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमचंद बौरासी ‘गुड्डू’ के पक्ष में आम सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने इंदौर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर अर्जुन बड़ोदा गांव में आयोजित सभा में कहा, मेरी सरकार ने राज्य के 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था. मैं शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुलेआम चुनौती देता हूं कि वो मेरी इस बात का खंडन कर के दिखाएं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दल-बदल कर बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया इन दिनों कांग्रेस के खिलाफ ‘चिल्ला-चिल्लाकर’ बयानबाजी कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस में रहने के दौरान वो किसान कर्ज माफी को लेकर उनकी अगुवाई वाली पूर्ववर्ती सरकार की तारीफ करते थे. उन्होंने राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर झूठी घोषणाएं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने मुख्यमंत्री रहने के दौरान घोषणाओं की राजनीति कभी नहीं की.
‘अधिकारी अपनी जेब में BJP का बिल्ला लगाकर न घूमें’अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए कमलनाथ ने कहा मैं जनता से पूछना चाहता हूं कि मैंने (मुख्यमंत्री रहने के दौरान) किसानों का कर्ज माफ कर के, नया औद्योगिक निवेश लाने के प्रयास कर के और माफिया के खिलाफ अभियान छेड़कर आखिर कौन-सा पाप, गुनाह या गलती की थी? कमलनाथ ने बीजेपी शासित राज्य के पुलिस और प्रशासन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दमन का आरोप लगाते हुए कहा आईजी हों या डीआईजी, अपनी वर्दी की इज्जत कीजिएगा. वरना आप खुद समझ लीजिएगा कि उपचुनावों के बाद आपकी वर्दी कहां जाएगी?
73 वर्षीय कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मैं सरकारी अधिकारियों से कहना चाहता हूं कि वो अपनी जेब में बीजेपी का बिल्ला रखकर न घूमें. सूबे की सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी पर प्रजातंत्र और संविधान से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने कहा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कभी नहीं सोचा था कि देश में बोली लगाकर सौदेबाजी की राजनीति होगी.
उन्होंने कहा कि हमने तो वोटों से सरकार बनाई थी. अब तो नोटों से सरकार बन गई है. छोटा सौदा तो छिप जाता है लेकिन बड़ा सौदा छिपता नहीं है.
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायक इस्तीफा देकर इसी साल मार्च में बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसके बाद तत्कालीन कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी. इस वजह से कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी 23 मार्च को एक बार फिर राज्य की सत्ता में लौट आई थी. (भाषा से इनपुट)